
Pro-Vidarbha outfit sets January 1 deadline
मुंबई। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार को चेतावनी दी है कि 31 दिसंबर से पहले महाराष्ट्र से अलग विदर्भ की घोषणा करें, वर्ना समिति 1 जनवरी से हिंसक आंदोलन शुरू करेगी। समिति ने बीजेपी पर विश्वासघात का आरोप लगाया है।
मुंबई प्रेस क्लब में मंगलवार को विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी की मंशा पर उंगली उठाई। समिति की कोर कमिटी के सदस्य व पूर्व विधायक वामनराव चटप बीजेपी पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, 'अब दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक बीजेपी की सरकार है। वह भी पूर्ण बहुमत के साथ। यह सब होने के बाद भी बीजेपी ने अलग विदर्भ राज्य के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की है।
सांकेतिक विधानमंडल अधिवेशन
आंदोलन की रूपरेखा रखते हुए चटप ने कहा कि विदर्भ के 11 जिलों में 5 दिसंबर को 5 स्थानों से प्रचार रैली निकलेगी। उस रैली में बड़ी संख्या में विदर्भ समर्थक नेता, महिलाएं और युवक शामिल होंगे। इससे पहले 2-3 अक्टूबर को नागपुर में सांकेतिक विधानमंडल अधिवेशन करेंगे। उसमें विदर्भ राज्य का अलग से बजट पेश करेंगे। इसके अलावा, विदर्भ राज्य के लिए विजन डॉक्युमेंट जनता के सामने रखेंगे। आंदोलन में महाराष्ट्र से प्रेम करने वालों को विदर्भ छोडऩे के लिए कहेंगे।
विदर्भ महज एक नाटक
विदर्भ का विरोध करने वाली राज ठाकरे की पाटी मनसे के कार्यकर्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में विघ्न डालने की कोशिश की, लेकिन वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस दौरान बीएमसी पार्टी के नगरसेवक व ग्रुड लीडर संदीप देशपांडे और उनके सहयोगियों ने अखंड महाराष्ट्र के नारे लगाए। विरोध करने के बारे में देशपांडे का कहना था कि अलग विदर्भ महज एक नाटक है और महाराष्ट्र उसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इन लोगों को बीजेपी का छिपा समर्थन है। ये लोग महाराष्ट्र को तोडऩे की बात करते हैं, जिसे रूहृस् स्वीकार नहीं करती। बेहतर होगा कि ये गुजरात चले जाएं।
Published on:
14 Sept 2016 12:50 pm
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