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पुलवामा अटैकः दो साल में छह बार हिरासत में लिया गया था आदिल अहमद डार

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है।

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आदिल अहमद डार

पुलवामा अटैकः दो साल में छह बार हिरासत में लिया गया था आदिल अहमद डार

जम्मू। पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल के भीतर डार को 6 बार हिरासत में लिया गया था। हालांकि हर बार डार को रिहा कर दिया गया।

इस खुलासे की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों ने अगर डार को हिरासत में रखा होता, तो शायद पुलवामा हमले को टाला जा सकता था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खुफिया ब्यूरो और पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। रिपोर्ट की मानें तो पुलवामा जिला स्थित गुंडीबाग निवासी आदिल अहमद डार को दो साल के भीतर छह बार पकड़कर हिरासत में रखा गया।

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डार को हिरासत में लेने की वजह पत्थरबाजी में शामिल होने के साथ ही आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की सहायता का आरोप था, लेकिन हर बार वो बिना आरोप के छोड़ दिया गया। डार को इतनी बार पकड़ने का सीधा सा मतलब यह था कि सुरक्षा एजेंसियां उस पर नजर बनाए हुए थीं।

अधिकारियों के मुताबिक जितनी बार भी आदिल को पकड़ा गया, उस पर कभी भी औपचारिक आरोप नहीं लगाया गया। ना ही डार के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई। यह जानकारी भी सामने आई कि 2016 में डार ने सक्रिय कार्यकर्ता (ओवर ग्राउंड वर्कर) के रूप में काम चालू कर दिया था।

उन्होंने खुलासा किया कि डार लश्कर के आतंकवादियों को छिपाने में सहायता भी करता था। न केवल इतना वह स्थानीय युवक जो लश्कर में जाना चाहते हैं, उनके लिए बिचौलिये का भी काम करता था। अधिकारियों ने यह भी बताया कि डार के परिवार के कुछ लोगों के तार आतंकवादियों से जुड़े हुए हैं।

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सुरक्षाबलों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों में भी डार ने हिस्सा लिया था और वह घायल हुआ था। वह आदिल मंजूर से काफी प्रभावित था और इसकी मौत के बाद वह पूरी तरह आतंकियों के साथ मिल गया। डार को कुछ अन्य इलाके के युवकों के साथ पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर ओमर हाफिज ने प्रशिक्षण दिया।