दरअसल, पंजाब में जहरीली शराब पीने से अब तक 104 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना के कारण राज्य में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं अब राजनीती भी जमकर शुरू हो गई है। शिरोमणि अकाली दल ( Shiromani Akali Dal ) के साथ-साथ आम आदमी पार्टी ( AAP ) ने भी CM कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफे की मांग की है। इतना ही नहीं इस मामले में कांग्रेस के कुछ नेताओं पर जहरीली शराब कोरोबार को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया गया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं, अकाली दल ने मजिस्ट्रियल जांच के बदले इस घटना में CBI जांच की मांग की है। या फिर हाईकोर्ट ( High Court ) के न्यायाधीश से इसकी जांच करवाने की मांग की गई है।
AAP नेता भगवंत मान ( Bhagwant Mann ) ने इशारा किया है कि इस घटना में राजनीतिक नेता भी शामिल हो सकते हैं। शिरोमणि अकाली दल औऱ AAP ने मांग की है कि इसके पीछे जो लोग हैं उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। एसएडी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ( Bikram Singh Majithia ) ने कहा कि इस घटना की सीबीआई या उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज द्वारा जांच कराई जाए। उन्होंने राज्य सरकार पर मरने वालों की वास्तविक संख्या को दबाने का भी आरोप लगाया है। मजीठिया ने मांग की है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ध्रुव दहिया की हत्या के लिए मुकदमा दर्ज किया जाए। AAP सांसद भगवंत मान ने कहा, ‘कुछ अधिकारियों के स्थानांतरण से कुछ नहीं होगा। समस्या गहरी है और इसमें एक बड़ा सांठगांठ है। लोग खुलकर नेताओं का नाम ले रहे हैं। सीबीआई द्वारा जांच होनी चाहिए। ‘
गौरतलब है कि जहरीली शराब पीने से जो लोग बच गए हैं, उन्होंने देखने की क्षमत कम होने और बेचैनी की शिकायत की है। बटाला नगर निगम ( Batala Nagar Nigam ) के एक संविदा कर्मचारी तिलक राज (Tilak Raaj ) का कहना है कि उन्होंने शराब पीने के बाद असहज महसूस किया। उनका कहना है कि शराब पीने के बाद मैं ठीक से देख नहीं पाया और बेचैनी महसूस की। उन्होंने कहा कि मैं इसलिए बच गया, क्योंकि परिवार के लोग तुरंत डॉक्टर के पास ले गए। फिलहाल, इस घटना से पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है और लगातार सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।