scriptदेश में फिर बढ़ रहा आर-वैल्यू, जानिए यह कब-कब घटा और इसका बढऩा क्यों है खतरे का संकेत | R-value again increasing in india what is r value and why it's danger | Patrika News

देश में फिर बढ़ रहा आर-वैल्यू, जानिए यह कब-कब घटा और इसका बढऩा क्यों है खतरे का संकेत

Published: Jul 30, 2021 08:13:41 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

भारत में पुणे और दिल्ली में आर वैल्यू एक के करीब है। आर वैल्यू या संख्या, कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को प्रदर्शित करता है। यही नहीं, जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब देश में संपूर्ण आर वैल्यू 9 मार्च से 21 अप्रैल के बीच 1.37 रहने का अनुमान था।
 

corona.jpg
नई दिल्ली।

भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढऩे की रफ्तार का संकेत देने वाले आर वैल्यू में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। केरल और पूर्वोत्तर राज्यों के शीर्ष स्थान पर रहने से महामारी के फिर से फैलने के संकेत मिल रहे हैं। चेन्नई स्थित गणितीय विज्ञान संस्थान की रिसर्च टीम ने इस पर एक विश्लेषण भी किया है।
इस टीम की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पुणे और दिल्ली में आर वैल्यू एक के करीब है। आर वैल्यू या संख्या, कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को प्रदर्शित करता है। यही नहीं, जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब देश में संपूर्ण आर वैल्यू 9 मार्च से 21 अप्रैल के बीच 1.37 रहने का अनुमान था। यह 24 अप्रैल और एक मई के बीच घटकर 1.18 रह गई। इसके बाद 29 अप्रैल से सात मई के बीच 1.1 पर आ गई। वहीं, 9 मई से 11 मई के बीच आर वैल्यू 0.98, 14 मई से 30 मई के बीच घटकर 0.82 पर आ गई। 26 जून तक यह 0.78 हो गई। इसके बाद सात जुलाई तक यह 0.88 हो गई। वहीं, अब 3 जुलाई से 22 जुलाई के बीच बढक़र यह 0.95 रह गई है।
यह भी पढ़ें
-

जातिगत जनगणना पर चल रही बहस, अब तक क्या हुआ और आगे क्या है उम्मीदें

इस रिसर्च टीम का नेतृत्व कर रहे सीताभ्र सिन्हा ने बताया कि एक विश्वसनीय अनुमान पाने के लिए भारत में इलाज करा रहे मरीजों की संपूर्ण संख्या में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है। हालांकि, आंकड़े एक वैल्यू रहने का संकेत दे रहे हैं। आने वाले दिनों में यह घट या बढ़ सकता है।
आर-वैल्यू 0.95 होने का यह मतलब है कि प्रत्येक 100 संक्रमित व्यक्ति औसतन 95 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे। यदि आर-वैल्यू एक से कम है तो, इसका मतलब यह होगा कि नये संक्रमित लोगों की संख्या इससे पूर्व की अवधि में संक्रमित हुए लोगों की संख्या से कम होगी, जिसका मतलब है कि रोग के मामले घट रहे हैं।
आर-वैल्यू जितनी कम होगी, उतनी तेजी से रोग घटेगा। इसके उलट, यदि ‘आर’ एक से अधिक होगा तो हर चरण में संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी–तकनीकी रूप से, इसे महामारी का चरण कहा जाता है।
यह संख्या जितनी बड़ी होगी, महामारी आबादी में उतनी ही तेजी से फैलेगी। केरल में उपचाराधीन मरीजों की संख्या सर्वाधिक है और वहां आर वैल्यू लगातार 1.11 के करीब बनी हुई है। सिन्हा ने कहा, इसलिए ऐसा लगता है कि केरल अगले कुछ हफ्तों में इस मामले में शीर्ष पर बना रहेगा। पूर्वोत्तर में भी बहुत बुरी स्थिति बनी हुई है जहां ज्यादातर राज्यों में आर-वैल्यू एक से अधिक है।
यह भी पढ़ें
-

देश में शुरू हो गई तीसरी लहर, 13 राज्यों में बढ़ी संक्रमण दर बजा रही खतरे की घंटी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए केरल में छह सदस्यों की एक टीम को भेजेगी, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामले अब भी बहुत ज्यादा आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक एसके सिंह की अगुवाई में टीम शुक्रवार को केरल पहुंचेगी और उन कुछ जिलों का दौरा करेगी जहां संक्रमण की दर सबसे ज्यादा सामने आ रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, केंद्र सरकार एनसीडीसी निदेशक की अगुवाई में छह सदस्यीय टीम को केरल भेज रही है। केरल में कोविड के मामले अब भी बहुत ज्यादा सामने आने के कारण टीम कोविड प्रबंधन में राज्य के जारी प्रयासों में मदद करेगी। केरल में बुधवार को संक्रमण के 22,056 नये मामले सामने आने से कुल संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 33,27,301 पहुंच गई, जबकि 131 और मरीजों की मौत हो जाने से अब तक 16,457 लोगों की महामारी से मौत हो चुकी है।
पूर्वोत्तर में सिर्फ त्रिपुरा में आर-वैल्यू एक से कम है, जबकि मणिपुर में एक से आंशिक रूप से नीचे है। भारत के अन्य राज्यों में, उत्तराखंड में आर-वैल्यू इन दिनों एक के काफी करीब है। बड़े शहरों में पुणे, में आर-वैल्यू एक से अधिक जान पड़ती है जबकि दिल्ली में यह एक के करीब है। पुणे में चार जुलाई से 20 जुलाई के बीच यह 0.84 रही। वहीं, बेंगलुरु में यह 17 से 23 जुलाई के बीच 0.72 पायी गयी। मुंबई में आर-वैल्यू 22 से 24 जुलाई के बीच 0.74 रही। चेन्नई में 21 से 24 जुलाई के बीच यह 0.94 रही। कोलकाता में यह 17 से 24 जुलाई के बीच 0.86 प्रतिशत रही।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो