ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के निर्देश
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर उनको सुपर फास्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर उन्हें मेल या एक्सप्रेस किया जाएगा। तो वहीं एक्सप्रेस ट्रेनों को फास्ट करके उन्हें सुपरफास्ट बनाया जाएगा। वहीं रेल मंत्री ने पीएम मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए पारंपरिक टॉयलेट का हटाने की योजना बनाई है। जानकारी के मुताबिक जनवरी 2018 तक सभी ट्रेनों की बोगियों में बॉयो टॉयलेट लगा दिया जाएगा। वहीं पुराने और गंदे डिब्बों को रिटायर करने पर भी रेलवे विचार कर रहा है। उनकी जगह पर हाईटेक और आरामजनक कोच को लगाएं जाएंगे, ताकी यात्रा का और आरामदायक बनाया जा सके।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर उनको सुपर फास्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर उन्हें मेल या एक्सप्रेस किया जाएगा। तो वहीं एक्सप्रेस ट्रेनों को फास्ट करके उन्हें सुपरफास्ट बनाया जाएगा। वहीं रेल मंत्री ने पीएम मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए पारंपरिक टॉयलेट का हटाने की योजना बनाई है। जानकारी के मुताबिक जनवरी 2018 तक सभी ट्रेनों की बोगियों में बॉयो टॉयलेट लगा दिया जाएगा। वहीं पुराने और गंदे डिब्बों को रिटायर करने पर भी रेलवे विचार कर रहा है। उनकी जगह पर हाईटेक और आरामजनक कोच को लगाएं जाएंगे, ताकी यात्रा का और आरामदायक बनाया जा सके।
योजना को अमल में लाने में जुटा रेलवे बोर्ड
पीयूष गोयल से निर्देश मिलने के बाद रेलवे बोर्ड हरकत में आ गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के नहीं होने की वजह से रेलवे बोर्ड की बैठक तो नहीं हो पा रही लेकिन रेल मंत्रालय के अधिकारी इस योजना को अमली जाम पहनाने के लिए बैठक कर रहे हैं।
पीयूष गोयल से निर्देश मिलने के बाद रेलवे बोर्ड हरकत में आ गया है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के नहीं होने की वजह से रेलवे बोर्ड की बैठक तो नहीं हो पा रही लेकिन रेल मंत्रालय के अधिकारी इस योजना को अमली जाम पहनाने के लिए बैठक कर रहे हैं।
टर्नअराउंड टाइम को कम करने की योजना
रेलवे टर्नअराउंड टाइम को कम करना चाहता है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक टर्नअराउंड टाइम कम होने पर रेलवे की क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों के फेरे बढ़ाकर कमाई भी बढ़ाई जा सकती है। दरअसल जब एक ट्रेन अपनी यात्रा पूरी करती है तो रेलवे के इंजीनियर इंजन और बोगियों को जांच करते हैं और उसकी कमियों को दूर करते हैं। इसका मकसद यात्रा को सुरक्षित बनाना होता है। इस प्रक्रिया में करीब 6 घंटे का वक्त लगता है। रेलवे अब टर्नअराउंट टाइम को 6 घंटे से कम करके एक घंटे करना चाहता है।
रेलवे टर्नअराउंड टाइम को कम करना चाहता है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक टर्नअराउंड टाइम कम होने पर रेलवे की क्षमता बढ़ेगी और ट्रेनों के फेरे बढ़ाकर कमाई भी बढ़ाई जा सकती है। दरअसल जब एक ट्रेन अपनी यात्रा पूरी करती है तो रेलवे के इंजीनियर इंजन और बोगियों को जांच करते हैं और उसकी कमियों को दूर करते हैं। इसका मकसद यात्रा को सुरक्षित बनाना होता है। इस प्रक्रिया में करीब 6 घंटे का वक्त लगता है। रेलवे अब टर्नअराउंट टाइम को 6 घंटे से कम करके एक घंटे करना चाहता है।