scriptRajnath Singh big announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, अब देश में ही बनेंगे 101 उपकरण | Rajnath Singh big announcement : India will become Atmanirbhar in defense sector, now 101 devices will be made in the country itself | Patrika News

Rajnath Singh big announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, अब देश में ही बनेंगे 101 उपकरण

locationनई दिल्लीPublished: Aug 09, 2020 04:07:45 pm

Submitted by:

Dhirendra

स्वदेशीकरण योजना ( Indigenization scheme ) में 101 वस्तुओं में आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच रडार और कई अन्य आइटम भी शामिल हैं।
Central Government इस फैसले और DRDO द्वारा विकसित तकनीक से Security Forces के लिए हथियारों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा क्षेत्र ( Defence Sector ) में आयात पर प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है।

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केंद्र सरकार के इस फैसले से डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीक के सहयोग से सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी हथियारों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत पहल ( Atmanirbhar Bharat initiative ) के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) ने आज बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा है कि रक्षा मंत्रालय ( Defence Ministry ) अब भारत स्वदेशीकरण ( Indigenization scheme ) की प्रक्रिया को गति देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रक्षा मंत्रालय 101 से अधिक वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध ( Import embargo ) लगाएगा। साथ ही इसका उत्पादन भारत ( India ) में ही किया जाएगा।
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रक्षा मंत्रालय के इस फैसले को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) ने कहा कि स्वदेशीकरण योजना में 101 वस्तुओं में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं। जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एलसीएच रडार और कई अन्य आइटम हैं जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने वाले हैं।
जानकारी के मुताबिक यह निर्णय भारतीय रक्षा उद्योग को खुद के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके या डीआरडीओ द्वारा विकसित तकनीकों को अपनाकर सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हथियारों के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।
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बता दें कि हाल ही में भारत के भीतर विभिन्न गोला-बारूद और उपकरणों के विनिर्माण के लिए भारतीय उद्योग की वर्तमान और भविष्य की क्षमताओं का आकलन करने के लिए सशस्त्र बलों, सार्वजनिक और निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों के साथ कई दौर की चर्चाएं हुई थीं। उक्त चर्चा के बाद रक्षा मंत्रालय 101 उपकरणों की सूची को अंतिम रूप दिया है।
इसके साथ ही अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली सेवाओं को 260 योजनाओं को त्रि-स्तरीय सेवाओं द्वारा अनुबंधित किया गया था। अनुमान है कि अगले 6 से 7 साल के भीतर लगभग 4 लाख करोड़ रुपए के अनुबंध घरेलू उद्योग पर रखे जाएंगे।
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लगभग 1,30,000 करोड़ रुपए की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए अनुमानित हैं। जबकि नौसेना के लिए लगभग 1,40,000 करोड़ रुपए की वस्तुओं का अनुमान लगाया गया है।
इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में आयात पर प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। इन सबका मकसद भारतीय रक्षा उद्योग को सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं के बारे में बताना है ताकि वे स्वदेशीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो जाएं।

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