
Rajnath Singh will visit Ladakh and Jammu & Kashmir
नई दिल्ली। सीमा पर चीन के साथ जारी मौजूदा तनाव ( india-china dispute ) के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh ) पूर्वी लद्दाख क्षेत्र ( Ladakh border ) का दौरा करेंगे। उनके साथ थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ( Army Chief General MM Naravane ) भी होंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री तनावपूर्ण सीमा क्षेत्र में तैनात जवानों से बातचीत करेंगे। आगामी 17 जुलाई को राजनाथ दिल्ली से लेह जाएंगे। इसके बाद 18 जून को चीनी पीएलए के सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हुए जवानों से भी वार्ता करेंगे।
गौरतलब है कि बीते 15 जून को गलवान घाटी ( india china standoff galwan valley ) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस दौरान चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन उनकी वास्तविक संख्या का पता नहीं चल सका है। राजनाथ सिंह उन अग्रिम चौकियों का भी दौरा करेंगे, जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले तीन जून को लेह जाने की योजना बनाई थी। हालांकि बाद में उन्होंने इसे टाल दिया था, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चों का दौरा करने चले गए थे।
मौजूदा वक्त में भारत और चीन दोनों सीमा क्षेत्रों में सैन्य और कूटनीतिक स्तर से तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों देश कई स्थानों पर 10 सप्ताह से एक-दूसरे के आमने-सामने रहे हैं। भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधियों ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख के चुशुल में वार्ता की। इस दौरान पूर्वी लद्दाख में सीमाओं पर से सैनिकों को पीछे हटाने ( Disengagement process ) और मैटेरियल हटाने पर चर्चा की गई।
मंगलवार को दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जवानों के पीछे हटने और हथियार सामग्री को भी पीछे करने के मुद्दे पर 15 घंटे तक वार्ता की। दोनों देशों के बीच बातचीत मंगलवार पूर्वाह्न् 11.30 बजे शुरू हुई और बुधवार को रात दो बजे समाप्त हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना को पूरी तरह से पेंगोंग त्सो लेक और देपसांग से हटाने के लिए कहा।
इस बैठक में भारत का मुख्य एजेंडा पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील और देपसांग क्षेत्रों से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के टैंक, तोपखाने और अतिरिक्त बल को हटाने से जुड़ा हुआ था। दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच यह बैठक चौथी बार हुई। इससे पहले आयोजित ऐसी तीसरी बैठक तकरीबन 12 घंटे तक चली थी। दरअसल, दोनों देश भारत-चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक विचार-विमर्श में लगे हुए हैं।
Updated on:
16 Jul 2020 08:47 am
Published on:
15 Jul 2020 08:23 pm
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