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राम जेठमलानी: एक ऐसा वकील जो इंदिरा गांधी के हत्यारों का केस लड़ने की दिखाई थी हिम्‍मत

जेठमलानी को माना जाता था स्‍मगलरों का वकील देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक क्राइम का केस लड़ने में जेठमलानी से बड़ा वकील कोई नहीं हुआ

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नई दिल्ली। देश के जानेमाने अधिवक्‍ता राम जेठमलानी का 95 की उम्र में दिल्‍ली स्थिति आवास पर निधन हो गया। आजाद भारत में वकालत के पेशे को एक अलग मुकाम तक पहुंचाने वाले राम जेठमलानी ने सितंबर, 2017 में संन्यास ले लिया था।

इंदिरा के हत्‍यारों को लड़ने की दिखाई हिम्‍मत

अक्‍टूबर, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद जब पूरे देश में कोई भी वकील ने हत्‍यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने को तैयार नहीं था तब राम जेठमलानी ने हिम्‍मत दिखाते हुए उनका केस लड़ने का फैसला लिया था। राम जेठमलानी की वजह से इस केस की बहस लंबी खिची।

17 की उम्र में हासिल की थी वकालत की डिग्री

हालांकि महज 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री लेने वाले राम जेठमलानी पहले ही केस में चर्चित हो गए थे। यह केस 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का था। इसमें जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था। बाद के दिनों में चंद्रचूड़ देश के चीफ जस्टिस भी बने। इसी केस के ऊपर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रूस्तम बनी।

स्‍मगलरों का वकील

केएम नानावती मर्डर हाई प्रोफाइल मिस्ट्री केस के बाद सुर्खियों में आए राम जेठमलानी ने मुंबई और दिल्ली के विभिन्न कोर्ट में कई स्मलगरों के केस की पैरवी की। अपनी दलीलों के दम पर जेठमलानी ने ज्यादातर केस में स्मगलरों के लिए केस जीतते रहे। इसी वजह से 70 और 80 के दशक में जेठमलानी को 'स्मलगरों का वकील' भी कहा जाने लगा था.

राम जेठमलानी बेहद जिद्दी स्वभाव के माने जाते हैं। वे जब तक किसी मुकदमे को जीत नहीं लेते वे उसमें जी-जान से लगे रहते हैं। राम जेठमलानी आजाद भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं। ये किसी केस की पैरवी के लिए एक तारीख पर जाने के बदले करोड़ रुपए तक की फीस लेते हैं। न्होंने सीपीआई के विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के मामले में शिव सेना की तरफ से पैरवी की थी।

मशहूर डॉन हाजी मस्‍तान की वकालत की

मुंबई के मशहूर डॉन हाजी मस्तान के ऊपर बनी अजय देवगन अभिनीत फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई तो आपने देखी ही होगी। 1960 के दशक में इस डॉन के स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी।

2017 में ली थी वकालत से सन्‍यास

मशहूद वकील राम जेठमलानी ने घोषणा की है कि वे अब कोई मुकदमा नहीं लड़ेंगे। 7 शक लंबे वकालत का पेशा छोड़ने की घोषणा करते हुए राम जेठमलानी ने कहा कि अब वह केवल भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।