गोगोई ने राज्यसभा सचिव को लिखा पत्र –
गोगोई ने राज्यसभा के महासचिव को लिखे पत्र में उन्होंने औपचारिक रूप से उच्च सदन के वेतन और भत्तों का लाभ नहीं उठाने का कारण बताया था। रंजन गोगोई ने लिखा, ‘कृपया ध्यान दें, मैं वेतन और भत्ते (यात्रा भत्ते और आवास को छोड़कर) का लाभ नहीं उठा रहा हूं, जिसका मैं राज्यसभा के सदस्य के रूप में हकदार हूं, इसके बजाए, मैं भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के रूप में मुझे दिए जा रहे सेवानिवृत्ति की सुविधाओं का लाभ उठाने का विकल्प चुन रहा हूं । इसकी बजाए वो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर मिलने वाली पेंशन और सुविधाएं लेते हैं, उन्हें हर महीने 82,301 रुपए की पेंशन मिलती है ।
गोगोई ने की थी संपत्ती की घोषणा –
सीजेआई का पद संभालने से पहले साल 2018 में रंजन गोगोई ने अपनी संपत्ति की घोषणा की थी। घोषणा पत्र के मुताबिक इसमें गुवाहाटी में 65 लाख रुपये मूल्य की जमीन की बिक्री का रिकॉर्ड था। उन्होंने 1999 में गुवाहाटी के बेलटोला में 1.10 लाख रुपये में 1 कट्ठा 10 लेस्सा जमीन खरीदी । 2012 में इसकी मार्केट वैल्यू 10 लाख रुपये के आसपास थी। शेयर और म्युचुअल फंड में कोई निवेश नहीं था। उनके पास ना तो कोई मकान था और ना ही कोई लोन।