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तिरुपति मंदिर के खिलाफ सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी की याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में मांग की थी कि तिरुपति मंदिर की संपत्ति और आभूषणों की ऑडिट कराया जाए।

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Dhirendra Kumar Mishra

Sep 17, 2018

tirupati tample

तिरुपति मंदिर के खिलाफ सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी की याचिका पर SC का सुनवाई से इनकार

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की तिरुपति मंदिर खजाने की ऑडिट कराने की मांग को सिरे से खाजिर कर दिया है। साथ ही उनकी याचिका पर सुनवाई से भी इनकार कर दिया है। लेकिन शीर्ष कोर्ट ने भाजपा नेता स्‍वामी से कहा है कि वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुनवाई की मांग कर सकते हैं। बता दें कि स्‍वामी ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका जुलाई में दायर की थी।

छह महीने के अंदर हो ऑडिट
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में मांग की थी कि तिरुपति मंदिर के पिछले तीन साल के अकाउंट, मंदिर की संपत्ति और आभूषणों की ऑडिट कराया जाए। स्वामी का कहना है कि जब तक याचिका लंबित है तब तक मंदिर का कैग द्वारा ऑडिट कराया जाए। उनकी मांग है कि मंदिर के ऑडिट का काम छह महीने में पूरा किया जाए।

ट्वीट कर बताया

इस मामले में स्वामी ने ट्वीट कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह तिरुपति मंदिर का ऑडिट कराने संबंधी याचिका आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में दाखिल करें। उन्‍होंने कहा है कि उनकी मांग वाजिब है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को इस मामले की सुनवाई के लिए उचित माना है।

मामला क्‍या है?
दरअसल, तिरुपति बाला जी के मंदिर के खजाने की ऑडिट कराने की मांग अक्सर उठती रहती है। एक अनुमान के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट के खजाने में 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। कुछ दिन पहले केंद्रीय सूचना आयुक्त यानी सीआईसी ने सवाल किया था कि विजयवाड़ा के 16वीं सदी के शासक कृष्णदेव राय की ओर से तिरूपति में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को दान में दिए गए आभूषण कहां हैं? यह सवाल केंद्रीय सूचना आयुक्त ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), संस्कृति मंत्रालय, आंध्र प्रदेश सरकार और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से किया है। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने एक कड़े आदेश में पीएम कार्यालय को यह सार्वजनिक करने को कहा कि केंद्र सरकार ने तिरुमला मंदिरों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने तथा विश्व धरोहर संरचनाओं एवं आभूषणों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को लागू करने के लिए किन कदमों पर विचार किया है।