scriptगलवान झड़प के बाद माइक पोम्पियो और एस जयशंकर के बीच हुई गुप्त बात, इस वजह से नहीं हुई पब्लिक | Secret talk between Mike Pompeo and S Jaishankar after Galvan clash not made public due to this | Patrika News

गलवान झड़प के बाद माइक पोम्पियो और एस जयशंकर के बीच हुई गुप्त बात, इस वजह से नहीं हुई पब्लिक

locationनई दिल्लीPublished: Jul 05, 2020 03:54:30 pm

Submitted by:

Dhirendra

Mike Pompeo and S Jaishankar के बीच बातचीत सामरिक होने की वजह से पब्लिक नहीं हुई।
59 Chinese Apps पर प्रतिबंधों की घोषणा का अमरीका ने खुलकर स्वागत किया।

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अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत की।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद जारी तनाव के बीच अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ( US Secretary of State Mike Pompeo named Indian counterpart S Jaishankar ) को फोनकर बात की थी। बताया जा रहा है कि पर्दे के पीछे हुई ये बात पब्लिक डोमेन ( Public Domain ) में नहीं आई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक का पोम्पियो ने लगभग 10 दिन पहले जयशंकर को फोन किया था। संकट के समय भारत को अमरीका का समर्थन ( American Support ) देने की बात कही थी।
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बता दें कि मार्च से अब तक एस जयशंकर और माइक पोम्पियो ( Mike Pompeo and S Jaishankar ) ने आपस में तीन बार एक-दूसरे से बात की है। हालांकि गलवान घाटी ( Galvan Valley ) में हुई हिंसा के बाद दोनों के बीच पहली बार बात हुई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक फोन के बारे में जानकारी रणनीतिक कारणों की वजह से सार्वजनिक नहीं की गई। ऐसा इसलिए किया गया कि भारत और चीन उस समय सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता कर रहे थे।
भारत और चीन के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की दूसरे दौर की वार्ता 22 जून को हुई थी।

गलवान घाटी में हुई झड़प के दो दिन बाद 17 जून को वाशिंगटन की तरफ से जो बयान आया था वो काफी तटस्थ था। अमरीकी विदेश विभाग ( US State Department ) ने बयान जारी कर कहा था कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना ( Indian Army ) ने बताया है कि उसके 20 जवान शहीद हुए हैं। हम उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं।
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डीसी वाशिंगटन में जारी बयान में कहा था कि भारत और चीन दोनों ने तनाव कम करने को लेकर इच्छा जाहिर की है। हम वर्तमान स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं।
लेकिन विगत 10 दिनों के दौरान अमरीका की ओर से जारी बयानों में भारत के प्रति खुलकर समर्थन व्यक्त किया गया है। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ( US Secretary of State Mike Pompeo ) बयान देने के मामले में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं।
एक जुलाई, 2020 को वाशिंगटन में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने भारत सरकार द्वारा 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया था। अमरीका ने सार्वजनिक रूप और निजी तौर पर एलएसी पर जारी तनाव के बीच साउथ ब्लॉक खुला और मजबूत समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनाव जारी है। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसी बीच अमरीका विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत की।
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