
सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का अधिकार भी उसके पास है।
नई दिल्ली। करीब 13 साल पहले अपने परिवार के सात सदस्यों की निर्मम हत्या के आरोप में मौत की सजा पाने वाली शबनम ने एक बार फिर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास दया याचिका भेजी है। इस बारे में डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया है कि शबनम पहले भी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से माफी मांग चुकी है लेकिन उन्होंने दया याचिका खारिज कर दी थी।
कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकती है शबनम
राष्ट्रपति और राज्यपाल को भेजी गई दूसरी याचिका के बारे में शबनम की वकील श्रेया रस्तोगी ने दावा किया है कि बावनखेड़ी हत्याकांड में दोषी शबनम के पास पास अभी कानूनी विकल्प हैं। ऐसे कई संवैधानिक उपाय हैं जिन्हें शबनम मामले में अभी अपनाया जाना अभी बाकी है।
इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती देने के अधिकार शामिल हैं। उनके पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का भी अधिकार है।
राष्ट्रपति से दया याचिका स्वीकार करने की मांग
बता दें कि शबनम के 12 साल के बेटे ने अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर देश के राष्ट्रपति से अपील की थी। उनकी मां की दया याचिका पर एक बार फिर से विचार किया जाए और इसी के मद्देनजर मसले पर आगे का विकास जारी है।
Updated on:
21 Feb 2021 03:42 pm
Published on:
21 Feb 2021 03:36 pm
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