
आजादी के बाद पहली बार शबनम को दी जाएगी फांसी, राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका
मथुरा/अमरोहा/मेरठ । अपने परिवार के सात लोगों की हत्या पर फांसी की सजायाफ्ता शबनम की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज हो गई है। अब उसे फांसी पर लटकाया जाना तय माना जा रहा है। शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई थी। इसके बाद दोनों ने दया याचिका राष्ट्रपति के पास दाखिल की, जिसे खारिज कर दिया गया है। मेरठ के वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र धामा की मानें तो अगर ऐसा होता है तो आजादी के बाद यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें एक महिला को फांसी पर लटकाया जाएगा।
परिवार के सात लोगों की हत्या-
14 अप्रैल 2008 की रात को उत्तर प्रदेश के अमरोहा के बावनखेड़ी में शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने मां-बाप, दो भाई, भाभी, मौसी की बेटी और भतीजे के खाने में कुछ मिलाया और बाद में एक के बाद एक परिजन पर कुल्हाड़ी से वार करके उनका कत्ल कर दिया। दोनों ही आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।
13 साल बाद होगी फांसी-
शबनम-सलीम के केस में करीब 100 तारीखों तक जिरह चली। इसमें 27 महीने लगे। 14 जुलाई 2010 को जज ने दोनों को दोषी करार दे दिया। अगले दिन 15 जुलाई 2010 को जज एसएए हुसैनी ने सिर्फ 29 सेकेंड में दोनों को फांसी की सजा सुनाई। 160 पन्नों में फैसला लिखा गया। दोनों ने इस फैसले को चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। राष्ट्रपति ने भी दोनों की दया याचिका खारिज कर दी। अब 13 साल बाद उन्हें फांसी होगी।
मथुरा जेल का दौरा कर चुका है पवन-
निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने वाला पवन जल्लाद जल्द ही महिला अपराधी शबनम को भी फांसी पर लटकाएगा। बताया जा रहा है कि पवन मथुरा जेल में शबनम को फांसी देगा। हालांकि इसकी पुष्टि जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने नहीं की है, लेकिन प्रदेश में एक जल्लाद होने के कारण ऐसा माना जा रहा है। पवन का कहना है कि अगर वो शबनम को फांसी पर लटकाता है तो यह पहली बार होगा जब वह किसी महिला को फांसी देगा। उसे मथुरा जेल प्रशासन ने बुलाया था और फांसीघर को दिखाया गया था। पवन के अनुसार फांसीघर बेहद जीर्ण-शीर्ण हालत में था। जिस तख्ते पर दोषी को खड़ा किया जाता है, वह टूटा हुआ था। उसे बदलवा दिया गया है।
Published on:
18 Feb 2021 02:28 pm
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