
कॉलेज में शुरू हुई शीला दीक्षित की लव स्टोरी
प्राचीन भारतीय इतिहास की पढ़ाई के दौरान की कहानी
डीयू में विनोद दीक्षित से हुई शीला की मुलाकात
जिंदगी के पहले और आखिरी प्यार बने विनोद
शीला की क्लास के 20 स्टूडेंट्स में अलग थे विनोद
पहली नजर में नहीं हुआ था शीला को प्यार
विनोद के बारे में शीला की पहली राय थी गलत
विनोद दोस्तों में काफी लोकप्रिय और अच्छे क्रिकेटर थे
ऐसे शुरू हुई प्रेम कहानी
एक बार दोनों के सामने दोस्तों का प्रेम विवाद आया
दोनों उसे सुलझाने के दौरान साथ आए
दूसरे का मामला सुलझाते हुए खुद आए करीब
नहीं कर पाती थीं विनोद से बातें
शीला दीक्षित अंतर्मुखी स्वभाव की थीं
विनोद का स्वभाव हंसमुख और बहिर्मुखी था
एक दिन घंटे भर के लिए बस पर विनोद के साथ किया सफर
चाहती थीं दिल की बात शेयर करना
नहीं कर सकी अपने प्यार का इजहार
फिर अपनी आंटी के यहां विनोद के साथ की बातें
शीला के मुताबिक, उनकी शादी की बात बस में हुई थी
फाइनल ईयर एग्जाम से पहले का है किस्सा
परीक्षा के एक दिन पहले विनोद ने किया प्रपोज
प्रपोज करने की कहानी भी है बड़ी दिलचस्प
उस दिन दोनों 10 नंबर की बस से जा रहे थे
चांदनी चौक के पास विनोद ने शीला से कहा
'आज मां को बताऊंगा कि मैंने शादी के लिए लड़की चुन ली है'
शीला ने पूछा, 'क्या तुमने उस लड़की से दिल की बात पूछी है?'
विनोद ने मुस्कुराते हुए कहा, 'नहीं, लेकिन वह लड़की बस में मेरी सीट के आगे बैठी है।'
बस फिर क्या था शुरू हो गई दोनों की प्रेम कहानी
कुछ दिन बाद शीला ने अपने घर में किया इसका जिक्र
माता-पिता शादी को लेकर चिंता में थे
चिंता की वजह विनोद का उस वक्त स्टूडेंट होना था
बात आई-गई हो गई और वक्त बढ़ने लगा
इसके बाद शीला ने एक नर्सरी स्कूल में 100 रुपये की नौकरी की
विनोद दीक्षित ने आईएएस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी
दोनों की मुलाकातें कम होने लगीं, लेकिन प्यार नहीं
एक साल की कड़ी मेहनत के बाद 1959 में विनोद हुए सफल
विनोद का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया
इसके बाद दोनों की शादी की बात आगे बढ़ी
विनोद ने शीला को अपने परिवार से मिलाया
काफी उतार-चढ़ाव के बाद 11 जुलाई 1962 को हुई दोनों की शादी
(शीला दीक्षित की यह लव स्टोरी उनकी किताब 'सिटीजन दिल्लीः माई टाइम्स, माई लाइफ' में प्रकाशित हुई।)
Updated on:
21 Jul 2019 09:46 pm
Published on:
21 Jul 2019 04:26 pm
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