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पुरी में विलुप्त शारदा नदी के निशान पाए गए

भारतीय वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में सामने आई बात, अस्तित्व में होने के संकेत मिले

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Aug 10, 2018
पुरी में विलुप्त शारदा नदी के निशान पाए गए

नई दिल्ली। भारतीय वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन में ओडिशा के पुरी में पानी के लिए पुराने स्रोत को खोज निकाला है। उन्हें पानी के एक पुराने प्रवाह मार्ग के निशान को ढूंढ़ लिया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये निशान लुप्त हो चुकी शारदा नदी के हो सकते हैं। इसका जिक्र ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है। उपग्रह चित्रों,भूगर्भशास्त्र,जीपीआर के उपयोग से किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों को पानी के घटकों का अस्तित्व होने के संकेत मिलते हैं। इन संकेतों में वनस्पति पट्टी, लहरों से जुड़े चिन्ह शामिल हैं।

जलप्रवाह मार्गों से पानी का जमाव संभव नहीं हो सका

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), खड़गपुर के शोधकर्ताओं के अनुसार गायब हो चुके जलप्रवाह मार्ग में जहां पानी उपलब्ध होता है,वहां वनस्पतियों के बढ़ने की प्रवृत्ति होती है,जो इस अध्ययन में देखने को मिला है। इसी तरह जलीय वनस्पतियों से ढकी दलदली भूमि और गड्ढों का भी पता चला है। इन तमाम तथ्यों को एकीकृत रूप में देखा जाए तो जगन्नाथ और गुड़िचा मंदिरों के बीच में लुप्त हो चुकी नदी के अस्तित्व का पता चलता है। शहरी क्षेत्रों में बरसात के दौरान पानी के जमाव से निजात पाने के लिए भी इन पुराने जलप्रवाह मार्गों का उपयोग जल निकासी के लिए हो सकता है।

अध्ययन कई मायनों में उपयोगी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जलप्रवाह मार्गों का वैज्ञानिक अध्ययन कई मायनों में उपयोगी हो सकता है। इससे आने वाली पीढ़ियों को नदियों के इतिहास का पता चल सकेगा। नदियों के विलुप्त होने के कारणों का पता चल सकेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह नदी गायब हुई होगी। इसके साथ मानव सभ्यता का विकास भी सबसे बड़ा कारण हो सकता है। इसको लेकर वैज्ञानिक काफी दिनों से शोधकार्य कर रहे थे। उनका मानना है कि नदी के स्रोत और उसका फैलाव जानने से हम यह पता लगाएंगे कि किन कारणों से इसके पानी का स्रोत खत्म हुआ है।

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Published on:
10 Aug 2018 01:32 pm
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