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रेलवे का ‘Plan Bee’ रहा हिट, कुछ इस तरह रेलवे क्रॉसिंग पर बचाई जा रही है हाथियों की जान

'Plan Bee' की शुरुआत सबसे पहले पिछले साल नॉर्थइस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने की थी, जिसके तहत गुवाहटी के पास दो रेलवे क्रॉसिंग पर डिवाइस लगाए गए थे।

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Kapil Tiwari

Sep 07, 2018

Indian Railway Plan Bee

Indian Railway Plan Bee

नई दिल्ली। अक्सर रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन हादसों में हाथियों की मौत की खबरें आया करती थीं। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने हाथियों की सुरक्षा के मद्देनजर 'प्लान बी' की शुरुआत की थी। इस प्लान के एक साल पूरे होने पर भारतीय रेलवे ने इसकी कामयाबी को ट्विटर पर शेयर किया है। 'प्लान बी' की वजह से ट्रेन हादसे में हाथियों की मौत रोकने में भारतीय रेलवे को सफलता मिल रही है।

रेल की पटरियों से हाथियों को दूर रखता है 'Plan Bee'

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें ये बताया गया है कि 'प्लान बी' के तहत जो यंत्र रेलवे क्रॉसिंग पर लगाए जाते थे, उनसे हाथियों की सुरक्षा को में कितनी मदद मिली है। आपको बता दें कि पटरियों को पार करते वक्त कई बार हाथी ट्रेन से टकरा जाते हैं, जिससे उनकी जान चली जाती है। इसे रोकने के लिए नॉर्थइस्ट फ्रंटियर रेलवे (NFR) ने पिछले साल 'Plan Bee' अपनाया था। इस प्लान के तहत सबसे पहले असम के गुवाहटी में दो रेलवे क्रॉसिंग पर इस डिवाइस को लगाया गया था।

क्या होता है 'प्लान बी' में

इस प्लान के तहत रेलवे-क्रॉसिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए गए हैं जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों जैसी आवाज हाथियों को पटरी से दूर रखती है। हाथी इस आवाज को 600 मीटर दूर से ही सुन सकते हैं और वो इस डिवाइस के पास नहीं आते, जिस वजह से हाथी हादसे का शिकार नहीं हो पाते। आपको बता दें कि मधुमक्खियों की आवाज हाथियों को परेशान करती है। इस डिवाइस की कीमत मात्र 2000 रुपए है।

क्या कहा है पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट में

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को रेलवे के 'प्लान बी' की कामयाबी को बताते हुए ट्विटर पर एक विडियो शेयर किया। गोयल ने लिखा, 'रेलवे ने हाथियों को ट्रेन हादसों से बचाने के लिए 'Plan Bee' के तहत रेलवे-क्रॉसिंग पर ऐसे ध्वनि यंत्र लगाए हैं जिनसे निकलने वाली मधुमक्खियों की आवाज से हाथी रेल पटरियों से दूर रहते हैं और ट्रेन हादसों की चपेट में आने से बचते हैं।' ध्वनि यंत्रों से मधुमक्खियों की भनभनाहट जैसी जो आवाज निकलती है, उसे हाथी 600 मीटर दूर से ही सुन सकते हैं।

रेलवे ट्रैक पर हाथियों की मौत से चिंतित था रेलवे

आपको बता दें कि समय-समय पर ट्रेन से टकराकर हाथियों की मौत की खबरें आती रही हैं, जिसको लेकर रेलवे काफी समय से विचार कर रहा था कि आखिर किसी तरह हाथियों की सुरक्षा की जाए। जानकारी के मुताबिक, 2014 से 2016 के दौरान रेलवे ट्रैक पर 35 हाथियों की मौत हुई और 2017 में जुलाई तक ऐसे हादसों में 5 हाथियों की मौत हुई थी। इसी साल अप्रैल में ओडिशा के झरसुगिडा जिले में 4 हाथी ट्रेन से टकरा गए थे, जिससे चारों की मौके पर ही मौत हो गई थी।