
Sabarimala Issue
नई दिल्ली। सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही केरल में घमासान मचा हुआ है। आलम ये है कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई हैं, जिसपर 22 जनवरी को सुनवाई होनी थी। अब खबर है कि सबरीमला मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई टाली जा सकती है, क्योंकि जिस बेंच को इस पर सुनवाई करनी है उसके एक जस्टिस मेडिकल लीव पर चले गए हैं।
जस्टिस इंदु मल्होत्रा हैं मेडिकल लीव पर
इन याचिकाओं में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सभी आयु वर्ग की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा, "न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा चिकित्सकीय कारणों की वजह से अवकाश पर हैं।"
सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितम्बर के इस ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई के लिए गठित पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा एकमात्र महिला न्यायाधीश हैं। केरल में 28 सितम्बर के फैसले का व्यापक विरोध हुआ है। अदालत के फैसले का परंपरावादी व हिंदू दक्षिणपंथी खुलेआम विरोध कर रहे हैं।
इस बेंच में कौन-कौन है शामिल?
शीर्ष अदालत की पीठ में न्यायमूर्ति रोहिटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। इस पीठ ने 13 नवम्बर को फैसले को वापस लेने की मांग करने वाली 49 याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई का फैसला किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले से भगवान अयप्पा मंदिर में दस से पचास वर्ष आयु की महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया था।
Updated on:
15 Jan 2019 05:36 pm
Published on:
15 Jan 2019 05:25 pm
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