6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब एक ही राज्य में मिलेगा आरक्षण का लाभ

राजधानी दिल्ली में केंद्रीय सूची के आधार पर आरक्षण का लाभ लोगों को मिलेगा।

2 min read
Google source verification
supreme court collegium news

chief justice pradip nandrajog, Pradeep Nandrajog, Rajasthan High Court, Supreme Court, supreme court collegium, jodhpur news, jodhpur news in hindi

नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट को लेकर हो रहे विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट का एक अहम और काफी बड़ा फैसला आया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक ही राज्य में आऱक्षण का लाभ ले सकेगा, वो किसी और राज्य में जाकर आरक्षण का लाभ नहीं ले पाएगा। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला आरक्षण का लाभ लेने वालों के लिए एक बड़ा झटका है तो वहीं आरक्षण का विरोध करने वालों के लिए ये एक अच्छी खबर है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई

आपको बता दें कि एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसमें ये तय होना है कि क्या सरकारी नौकरी में मिलने वाले प्रमोशन में भी एससी/एसटी वालों को आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं। इसी के तहत ये फैसला सुनाया गया है।

दिल्ली में केंद्रीय सूची के आधार पर मिलेगा आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी एक राज्य में ही आरक्षण का लाभ ले सकेगा। वहीं राजधानी दिल्ली में केंद्रीय सूची के आधार पर आरक्षण का लाभ लोगों को मिलेगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोई भी राज्य एससी-एसटी एक्ट में बदलाव नहीं कर सकता। इसका अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति के पास होगा, या फिर संसद की सहमित से राज्य सरकारें लिस्ट में कोई बदलाव कर सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर जताई थी चिंता

आपको बता दें कि देशभर में एससी-एक्ट को लेकर खूब बवाल मचा हुआ है। जब सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट में बदलाव का फैसला सुनाया था तो दलित समुदाय के लोगों ने पूरे देश में उग्र आंदोलन किया था। कई राज्यों से हिंसा की खबरें सामने आई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव करते हुए व्यक्ति की तुरंत होने वाली गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जाहिर की थी। साथ ही निर्देश जार किए गए थे, जिसमें कहा गया था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा। डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है। इसके अलावा एफआईआर के बाद तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी।

केंद्र सरकार ने संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों को किया बहाल

कोर्ट के इस फैसले के बाद भी केंद्र सरकार ने इस एक्ट में संशोधन करते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया था। केंद्र सरकार ने एससीएसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18 A जोड़ दी है। इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के किए प्रावधान हो गए हैं और नए प्रावधान के तहत केस दर्ज होने पर तुरंत गिरफ्तारी होगी। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी, हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। एससी/एसटी मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे। जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा। एससी/एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग