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ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बिना किसी बहाने के लागू करें ‘वन नेशन-वन राशन कार्ड’ योजना

सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए हैं कि बिना किसी बहाने के जल्द से जल्द केंद्र सरकार की 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना को लागू करें।

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Supreme Court Ordered West Bengal Govt to Implement One nation One Ration Card Scheme

नई दिल्ली। केंद्र सरकार पूरे देश में गरीबों तक बिना किसी समस्या के राशन पहुंचाने के लिए 'वन नेशन वन राशन कार्ड' की व्यवस्था की है। लेकिन राजनीतिक कारणों से कुछ राज्यों के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिसमें से एक पश्चिम बंगाल भी शामिल है।

ऐसे में अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए हैं कि बिना किसी बहाने के जल्द से जल्द 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना को लागू करें।

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अपने अपने आदेश में शीर्ष अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा 'कोई बहाना नहीं, तुरंत लागू करें, वन नेशन-वन राशन कार्ड।' कोर्ट ने कहा कि इसे लागू न करने को लेकर आप एक या कोई अन्य समस्या का हवाला नहीं दे सकते। यह व्यवस्था प्रवासी मजदूरों के लिए है।

सुनवाई के आखिरी दिन में पश्चिम बंगाल की सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कहा कि आधार कार्ड की दिक्कतों की वजह से इस योजना लागू नहीं हो पाया है। अदालत ने कहा कि आपको केंद्र सरकार की 'एक देश-एक राशन कार्ड' योजना को लागू करना ही होगा। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रवासी मजदूरों को मुफ्त या फिर सस्ते दर अनाज दिए जाने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

अब तक पश्चिम बंगाल में क्यों नहीं हुआ लागू?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्ती से सवाल करते हुए पूछा कि जब देश के बाकी राज्यों में इस योजना को लागू किया जा चुका है, तो फिर पश्चिम बंगाल में अब तक क्यों नहीं हो पाया है? कोर्ट ने कहा कि हर हाल में ये योजना लागू होना चाहिए। इसपर बंगाल सरकार के वकील ने सहमति जताई।

केंद्र सरकार को भी कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई। चूंकि इस योजना को लेकर एक वेबसाइट बनाना है, जिसमें हर सूचना उपलब्ध होगी, लेकिन अब तक नहीं बन पाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
कोर्ट ने कहा कि इस योजना को लेकर पिछले साल नवंबर से ही वेबसाइट बन रही है, लेकिन अब तक तैयार नहीं हो सका है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने इस काम को पूरा करने के लिए और समय मांगा।

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इसपर जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि ये सिर्फ अधिकारियों पर नहीं छोड़ा जा सकता। ये इतना बड़ा कोई काम नहीं है। कोई सर्वे नहीं करना है। सिर्फ एक मैकेनिज्म बनाना है जहां डेटा जमा किया जा सके। इसके बावजूद भी अब तक अधिकारियों ने कुछ भी नहीं किया। सिर्फ इसलिए कि अधिकारियों के पास वक्त नहीं है, इस काम को हमेशा के लिए नहीं टाला जा सकता।

बता दें कि 'एक देश-एक राशन कार्ड' योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को सबसे अधिक फायदा मिल सकेगा। वे चाहे किसी भी राज्य में रहे उन्हें आसानी के साथ राशन मिल सकेगा। इसी को लेकर केंद्र सरकार को एक वेबसाइट बनाना है जिसमे सभी प्रवासी मजदूर का रजिस्ट्रेशन होना है। उसी के आधार पर उन मजदूरों को सरकारी सुविधा दी जाएगी।