scriptकोरोना में अनाथ बच्चों की देखभाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्य सरकारों को दिए ये अहम निर्देश | Supreme court direct to state govts to take care of Orphaned kids in Corona Pandemic | Patrika News

कोरोना में अनाथ बच्चों की देखभाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्य सरकारों को दिए ये अहम निर्देश

locationनई दिल्लीPublished: Jun 08, 2021 03:00:53 pm

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, राज्य सरकारें देखें कि कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा बिना रुकावट जारी रहे

348.jpg
नई दिल्ली। कोरोना ( Coronavirus ) के चलते अनाथ हुए बच्चों की सहायता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) सख्त नजर आया। मंगवार को कोर्ट ने इस संबंध में राज्य सरकारों को कई निर्देश जारी किए। इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस तरह के बच्चों को भोजन, दवा, कपड़े आदि की कमी न हो। इसके साथ ही उनकी शिक्षा भी बिना किसी बाधा के चलती रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी इस बात की विस्तृत जानकारी देने के लिए कहा है कि प्रधानमंत्री की तरफ से घोषित सहायता बच्चों तक किस तरह से पहुंचाई जाएगी।

यह भी पढ़ेँः अमरावती से सांसद नवनीत कौर को बड़ा झटका, खतरे में पड़ी लोकसभा सदस्यता
इससे पहले हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के वेब पोर्टल ‘बाल स्वराज’ में उन बच्चों की जानकारी अपडेट करने को कहा था, जिन्होंने पिछले साल मार्च से लेकर अब तक कोरोना के चलते अपने माता पिता या दोनों में से एक को खोया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा था कि वह पीएम केयर्स फंड की तरफ से बच्चों की सहायता के लिए जो घोषणा की गई है, उसका विस्तृत विवरण दें।

जवाब में केंद्र की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि अभी इस सहायता को बच्चों तक पहुंचाने की प्रक्रिया तय की जा रही है।
इसके लिए राज्य सरकारों से बातचीत चल रही है। ऐसे में कोर्ट ने केंद्र को विस्तृत जानकारी देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया, लेकिन जरूरतमंद बच्चे सहायता से वंचित न हो सकें, इसके लिए राज्य सरकारों को कई निर्देश जारी किए हैं।
यह भी पढ़ेंः महात्मा गांधी की पड़पोती को दक्षिण अफ्रीका में सुनाई 7 वर्ष की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

SC ने दिए ये 5 प्रमुख निर्देश
1. राज्य सरकारें अनाथ बच्चों की पहचान करना जारी रखें। इस काम में स्वास्थ्य विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और पंचायती राज कर्मचारियों की भी मदद ली जाए।

2. किसी बच्चे के माता पिता या दोनों में से एक की मृत्यु की जानकारी मिलने पर डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट (DCPU) के लोग बच्चे और उसके अभिभावक से मिलने जाएं।
3. इस बात को देखें कि क्या अभिभावक वाकई बच्चे को अपने साथ रखने का इच्छुक हैं।

4. बच्चे को सरकारी योजना के मुताबिक आर्थिक सहायता देने के साथ ही उसके भोजन, दवा, कपड़े जैसी जरूरतों को भी पूरा किया जाए।
5. डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर अपना और दूसरे संबंधित अधिकारियों का फोन नंबर बच्चे और उसके अभिभावक को उपलब्ध करवाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित अधिकारी कम से कम महीने में एक बार बच्चे का हाल-चाल लें।

ट्रेंडिंग वीडियो