scriptमहात्मा गांधी की पड़पोती को दक्षिण अफ्रीका में सुनाई 7 वर्ष की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला | Mahatma Gandhi great grand daughter jailed for seven years in South Africa for fraud | Patrika News

महात्मा गांधी की पड़पोती को दक्षिण अफ्रीका में सुनाई 7 वर्ष की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

Published: Jun 08, 2021 09:07:02 am

महात्मा गांधी की पड़पोती लता रामगोबिन को दक्षिण अफ्रीका में सुनाई सात वर्ष की सजा, इस मामले में कोर्ट ने दिया दोषी करार

Mahatma Gandhi great grand daughter jailed for seven years in South Africa for fraud

Mahatma Gandhi great grand daughter jailed for seven years in South Africa for fraud

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका ( South Africa ) में रह रही महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) की पड़पोती को डरबन की अदालत ने सात वर्ष की सजा सुनाई है। उन पर 60 लाख रैंड की धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप था।
56 वर्षीय आशीष लता रामगोबिन ( Ashish lata ramgobin )को कोर्ट ने अपने फैसले में दोषी करार दिया। बता दें कि आशीष लता मशहूर एक्टिविस्ट इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोविंद की बेटी हैं।
यह भी पढ़ेँः डोमिनिकन के पीएम का बड़ा बयान, बोले- मेहुल चोकसी के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा

ये है पूरा मामला
खुद को कारोबारी बताने वाली लता ने स्थानीय कारोबारी से धोखे से 62 लाख रुपये हड़प लिए। धोखाधड़ी का शिकार हुए एसआर महाराज के मुताबिक लता ने उन्हें मुनाफे का लालच देकर उनसे पैसे लिए थे।
लता पर बिजनसमैन एसआर महाराज को धोखा देने का आरोप लगा था। दरअसल महाराज ने लता को एक कनसाइंमेंट के इम्पोर्ट और कस्टम क्लियर करने लिए 60 लाख रुपए दिए थे, लेकिन ऐसा कोई कनसाइंमेट था ही नहीं। लता ने वादा किया था कि वो इसके मुनाफे का हिस्सा एसआर महाराज को देंगी।
अगस्त 2015 का मामला
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि लता रामगोबिन ने न्यू अफ्रीका अलायंस फुटवियर डिस्ट्रीब्यूटर्स के डायरेक्टर महाराज से अगस्त 2015 में मुलाकात की थी। हालांकि लता को डरबन स्पेशलाइज्ड कमर्शियल क्राइम कोर्ट ने दोषी पाए जाने और सजा दोनों के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
महाराज की कंपनी कंपनी कपड़े, लिनन के कपड़े और जूते का आयात, निर्माण और बिक्री करती है। महाराज की कंपनी अन्य कंपनियों को प्रोफिट-शेयर के आधार पर पैसे भी देती है। लता रामगोबिन ने महाराज से कहा था कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी अस्पताल ग्रुप नेटकेयर के लिए लिनन के कपड़े के तीन कंटेनर आयात किए हैं।
एनपीए की प्रवक्ता नताशा कारा के मुताबिक लता रामगोबिन ने कहा था कि उसे आयात लागत और सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, उसे बंदरगाह पर सामान खाली करने के लिए पैसे की जरूरत थी।
ऐसे में लता रामगोबिन ने महाराज से कहा कि उन्हें 6.2 मिलियन रैंड की जरूरत है। इससे संबंधित दस्तावेज भी दिखाए, जिसमें माल की खरीद से संबंधित दस्तावेज थे।

इसके एक महीने बाद फिर से लता रामगोबिन ने महाराज को एक और दस्तावेज भेजा जो नेटकेयर चालान था, जिससे यह पता चलता था कि माल डिलीवर हो गया है और उसका भुगतान नहीं किया गया है।
यह भी पढ़ेंः कोलकाता एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान विस्तारा के विमान को लगा जोरदार झटका, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को अस्पताल में कराया गया भर्ती

रामगोबिन के खिलाफ महाराज ने दर्ज कराया मामला
महाराज ने रामगोबिन की पारिवारिक साख और नेटकेयर दस्तावेजों को देखते हुए लोन के लिए रामगोबिन के साथ एक लिखित समझौता किया था, हालांकि जब महाराज को पता चला कि दस्तावेज जाली थे और नेटकेयर का लता लता रामगोबिन के साथ कोई समझौता नहीं था, तो उन्होंने रामगोबिन के खिलाफ मामला दर्ज किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो