
कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने का मामला, SC ने केंद्र से 4 हफ्ते में मांगा जवाब
नई दिल्ली।
Supreme Court Verdic लॉकडाउन ( Lockdown ) के दौरान निजी कंपनियों के कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी कंपनियों को राहत देते हुए केंद्र सरकार से कहा कि जुलाई अंत तक कर्मचारियों को पूरा वेतन ( Salary ) नहीं देने वाली कंपनियों पर कोई कार्रवाई न करें। इसके साथ ही केंद्र सरकार से 4 हफ्ते के अंदर एक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है। बता दें कि उद्योगों ( Industries ) ने सरकार के 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। जिसके बाद शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में जुलाई के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेगी। बता दें कि कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थता जताते हुए कुछ उद्योगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
17 मई को वापस लिया आदेश
बता दें कि 4 जून को केंद्र सरकार ने कहा था कि कर्मचारियों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना जरूरी था। बिना औद्योगिक गतिविधि के उन्हें पूरा वेतन दिया जाए। लेकिन, गतिविधियों को इजाजत देने के साथ ही 17 मई को उस आदेश को वापस ले लिया गया।
सरकार से संतुष्ट नहीं उद्योग
उद्योगों का कहना है कि 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों का पूरा वेतन देने में वह असमर्थ है। उनकी दलील थी कि सरकार को उद्योगों की मदद करनी चाहिए। वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल किया था कि बंद पड़े उद्योगों की क्या सरकार मदद करेगी?
50 फीसदी वेतन देने का एक्ट
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सवाल किया कि इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के तहत ऐसी स्थिति में उद्योगों को कर्मचारियों को 50 फीसदी वेतन देने के लिए कहा जा सकता है, लेकिन सरकार 100 फीसदी वेतन देने की बात कर रही है। इस पर सरकार की तरफ से एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, "आदेश के पीछे सरकार की नीयत मजदूरों के हित की है।
Updated on:
12 Jun 2020 01:20 pm
Published on:
12 Jun 2020 11:26 am
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