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श्रीनगर: बाटमालू में CRPF की पेट्रोलिंग टीम पर आतंकी हमला, एक जवान शहीद, संदिग्धों की तस्वीर जारी

सोमवार को गृह मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए थे, जिनमें ये सामने आया था कि घाटी में राज्यपाल शासन के दौरान आतंकी हमलों में कमी आई है।

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Kapil Tiwari

Jul 24, 2018

Srinagar Attack

Srinagar Attack

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट से आतंकी बौखलाए हुए हैं और रह-रहकर सुरक्षाबलों पर हमले कर रहे हैं। मंगलवार को श्रीनगर में सीआरपीएफ की एक पेट्रोलिंग टीम पर आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया है। हमले के कुछ देर बाद एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें संदिग्ध आंतकी बाइक पर जाते हुए नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस तस्वीर में जो लोग बाइक पर नजर आ रहे हैं वही आतंकी हैं और उन्होंने ही सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग टीम को निशाना बनाया है।

हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद

जानकारी के मुताबिक, आतंकियों श्रीनगर के बटामलू इलाके में सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग टीम को निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि ये हमला आईजीपी ऑफिस के पास किया गया है। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते हुए आतंकियों की तलाश शुरू कर दी है। जवानों ने इलाके को घेर लिया है और ऐसा कहा जा रहा है कि हमला करने के बाद आतंकी पास की ही किसी बिल्डिंग में छिप गए हैं।

सुबह-सुबह पुंछ में मोर्टार फटने से घायल हो गया था 10 साल का बच्चा

आतंकियों की तलाश के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। जिस बिल्डिंग में आतंकियों के छिपे होने की सूचना है वहां से नागरिकों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला जा रहा है। इससे पहले आज तड़के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास मोर्टार का गोला फटने से 10 साल का एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि शाहपुर सेक्टर में मोर्टार के गोले को टटोलने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया जिसमें आशिक हुसैन घायल हो गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां से डॉक्टरों ने विशेष उपचार के लिए सरकारी चिकित्सा कॉलेज जम्मू भेज दिया है।

राज्यपाल शासन के दौरान घाटी में आतंकी हमलों में हुई कमी- गृह मंत्रालय

आपको बता दें कि सोमवार को गृह मंत्रालय की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया था, जिसमें ये सामने आया था कि घाटी में जब से राज्यपाल शासन लगा है तबसे आतंकी हमलों में कमी आई है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 16 जून से 15 जुलाई के बीच आतंकवादियों द्वारा किये गए हमलों में कमी आई है, जबकि रमजान के महीने के दौरान जब सुरक्षाबलों ने अपना अभियान स्थगित कर रखा था तो इनकी तादाद ज्यादा है। रमजान के महीने के दौरान सुरक्षा बलों की तरफ से अभियान स्थगित करने की घोषणा की गई थी। 16 मई से रमजान शुरू हुए थे। आपको बता दें कि महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद 20 जून को यहां राज्यपाल शासन लगाया गया था।


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