सरकार ने इस बजट में प्रावधान करते हुए महिलओं को घर की स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दी है। राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि जो महिलाएं अपने नाम पर घर लेंगी, उन्हें स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
वहीं, वित्त मंत्री अजित पवार के इस बयान को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सरकार को समर्थन दे रही विधायक भी हमलावर हैं। शिवसेना को समर्थन देने वाली मीरा भायंदर से निर्दलीय विधायक गीता जैन ने अजित पवार के बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गीता जैन के अनुसार, बजट में महिलाओं को एक प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क से छूट देने के लिए जो शर्तें रखी गई हैं, उससे करीब 90 प्रतिशत महिलाओं को कोई फायदा नहीं होगा। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि आय नहीं होने से महिलाओं को कर्ज नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं संयुक्त घर लेंगी तो राज्य सरकार की ओर से उन्हें इस बजट में दिए गए छूट का लाभ नहीं मिलेगा।
वहीं, राज्य में विपक्ष की भूमिका काबिज भाजपा भी उद्धव सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि ठाकरे सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राज्य की महिलाओं को फंसाया है। सरकार आंकड़ों की जादूगरी में महिलाओं को एक प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क माफ करने की बात कर रही है, मगर दूसरी ओर उन्हें तकनीकी चीजों में फायदा नहीं हो, इसको लेकर भी बजट में शर्त रखी गई है।
माना जा रहा है कि सरकार ने एक प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने के लिए महिलाओं पर जो शर्त और नियम थोपे हैं, उससे ज्यादातर महिलाओं को सरकार की इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि ज्यादातर महिलाएं गृहणी हैं और इस वजह से उन्हें कर्ज नहीं मिलेगा। ऐसे में एक प्रतिशत प्रापर्टी टैक्स फ्री नहीं होगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पहले ही कह दिया है कि अगर संयुक्त घर लिया, तो उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि सरकार ने महिलाओं को तो एक प्रतिशत प्रापर्टी टैक्स में छूट दे दी है, लेकिन कानूनी हिसाब से बहुत ही कम महिलाओं को इसका फायदा होता दिख रहा है।