वह समुदाय जिसके लिए लाया गया सीएए, बंगाल चुनाव में फिर बना हुआ है राजनीति का केंद्र!
नई दिल्लीPublished: Feb 24, 2021 08:37:48 am
Highlights.
- सडक़, बिजली, पानी जैसे तमाम बुनियादी मुद्दों की तरह बंगाल के चुनाव में मटुआ समुदाय अहम मुद्दे में शामिल रहा है
- अनुसूचित जाति वाले मटुआ समुदाय की आबादी बंगाल में करीब 3 करोड़ है और कई सीटों पर इसका अच्छा प्रभाव है
- माना जाता है कि शरणार्थी का तमगा मिलने के बाद इन्हें सीएए के जरिए देश में ही रखने के लिए भाजपा प्रयासरत रही है
नई दिल्ली। बंगाल में मटुआ समुदाय है। पिछले कुछ चुनावों के दौरान यह रोटी-कपड़ा-मकान-सडक़-बिजली-पानी-स्वास्थ्य-शिक्षा और रोजगार की तर्ज पर चुनावी मुद्दा बनकर चर्चा में आ जाता है। पूरे चुनावों के दौरान यह राजनीति के केंद्र में आ जाता है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में इसकी खूब चर्चा रही। अब वहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और यह समुदाय एक बार फिर चर्चा में है।