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सबसे मुश्किल सवाल: वैक्सीन लेने वालों की कैसे होगी मॉनिटरिंग

Highlights. - 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए कितना तैयार हम - गुजरात में एक लाख की आबादी पर 4 पॉइंट्स हैं, झारखंड में 1, यूपी-बिहार में सबसे कम - राजस्थान के बारां जिले में दुल्हन पॉजिटिव आई, तो कोविड सेंटर में दूल्हा-दुल्हन ने पीपीई किट पहन विवाह की रस्में पूरी की  

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Ashutosh Pathak

Dec 07, 2020

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नई दिल्ली.

ब्रिटेन, अमरीका के अलावा भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लगाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। भारत के पास टीकाकरण का बड़ा अनुभव है, लेकिन कोरोना महामारी को लेकर कई चुनौतियां सामने हैं। उम्मीद है, देश में जनवरी से टीकाकरण शुरू होगा।
हालांकि, अभी सबसे बड़ा सवाल यही है कि टीकाकरण के लिए निगरानी तंत्र कैसे विकसित होगा। सरकार में इसे आधार से जोडऩे पर चर्चा हो रही है, पर उससे भी बड़ा सवाल यह भी है कि दूसरी डोज देने के लिए क्या इंतजाम होंगे।

दरअसल, सरकार के दावे के अनुसार जुलाई-अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैसीन लगाने के लिए वैक्सीन के वितरण, कोल्ड चेन क्षमता, टीका लगने के बाद ट्रैकिंग, कोई दिक्कत होने पर उसके निवारण के लिए बूथ/केंद्र आदि की जरूरत होगी। सबसे अधिक चुनौती छोटे शहरों, कस्बों के लिए होगी जहां स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा सीमित है।

कोरोना पर निबंध लिखने की सजा

मास्क न पहनने वालों को गुना में प्रशासन ने खुली जेल में बंद कर कोरोना पर निबंध लिखने की सजा दी है। अभियान के तहत 43 युवाओं को बिना मास्क के घूमता पाया। दो घंटे बाद इन युवाओं को समझाकर मास्क देकर घर भेजा गया।


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