
त्रिपुरा में कुदरत की मार, हजारों हुए बेघर
नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) के संकट से जूझ रहा है। ऐसे में कुछ ही ऐसे राज्य या जिले हैं जो इस वक्त पूरी तरह कोरोना से मुक्त हैं। लेकिन इन्हीं में से एक राज्य ने जहां कोरोना को मात दी वहीं कुदरत की मार ( Natural Disaster ) के आगे बेबस हो गया।
देश के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा ( Tripura ) ने हाल में कोरोना वायरस को भगाने में तो कामयाबी हासिल कर ली, लेकिन मूसलाधार बारिश ( Heavy Rainfall ) और ओलावृष्टि ( Hail Storm ) ने राज्य में हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि त्रिपुरा के तीन जिलों के कुल 4200 लोग बेघर हो गए, जबकि 5500 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए या ओलावृष्टि से नष्ट हो गए।
त्रिपुरा में मूसलाधार बारिश ने राज्य के जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया। राज्यभर के आधे जिले में बारिश और ओलावृष्टि के कारण 5000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। सिपाहीजला जिले में कुल 12 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां 1,170 परिवारों ने शरण ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलों में 200 घर नष्ट हो गए हैं, जबकि 5,417 क्षतिग्रस्त हो गए हैं, रिपोर्ट में कहा गया है। इसके अलावा भारी संख्या में पेड़-पौधों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन इस नुकसान का आकलन कर रही है। मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ( Biplav Dev ) ने राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
लॉकडाउन व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए त्रिपुरावासी जहां पहले से ही कोरोना वायरस से जंग कर रहे हैं वहीं तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि, और मूसलाधार बारिश ने उनपर तगड़ा कहर बरपाया है। सीएम ने प्रभावित जनता के बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा भी लिया।
सिपाहीजला जिला के विभिन्न इलाकों का जायजा लेने के साथ मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद जनता से बातचीत की। इसके अलावा उन्होंने तत्काल राहत के लिए कुछ इलाकों में जनता के बीच धनराशि का भी वितरण किया।
Updated on:
24 Apr 2020 03:12 pm
Published on:
24 Apr 2020 12:53 pm
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