बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस पीडी नाइक ने हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच द्वारा पारित आदेश को ध्यान में रखकर ये फैसला दिया है। निकिता का हिंसा भड़काने का कोई इरादा नहीं बॉम्बे हाईकोर्ट में आरोपी के वकील ने कहा कि निकिता जैकब का हिंसा भड़काने का कोई धार्मिक, राजनीतिक और वित्तीय इरादा नहीं था। जैकब की ओर से पेश वकील मिहिर देसाई ने औरंगाबाद बेंच द्वारा सुनाया गया आदेश जस्टिस नाइक के सामने पेश किया गया।
इसके जवाब में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडवोकेट हितेन वेनगोकर ने कोर्ट से कहा कि वह ट्रांजिट बेल पर हाईकोर्ट के जस्टिस एएस गडकरी द्वारा दिए गए फैसले पर विचार करें। बता दें कि टूलकिट मामले में फंसे एक अन्य व्यक्ति शांतनु मुलुक को ट्रांजिट जमानत दी थी।