
गोबिंदा ने घर वापस लौटने में 30 हजार रुपए खर्च कर दिए
अगरतला। कोरोना ( Coronavirus ) के संक्रमण को रोकने के लिए जब सरकार ने लॉकडाउन ( Lockdown ) की घोषणा की तो इसके चलते कई लोग अपने परिवार से दूर किसी दूसरे राज्य में फंस गए। ये लोग पिछले दो महीनों से लगातार अपने घर वापस लौटने की मांग कर रहे हैं। हालांकि इस बीच कुछ लोग तो जुगाड़ कर अपने घरों तक पहुंच भी गए। ऐसे लोगों में त्रिपुरा ( Tripura ) के गोबिंदा देबनाथ ( Gobinda Debnath ) भी शामिल हैं, जो 30,000 रुपए खर्च कर जैसे-तैसे कर अपने घर पहुंचे, लेकिन घरवालों ने उन्हें घर के अंदर आने से मना कर दिया।
2 दिन की यात्रा कर गोबिंदा पहुंचे थे अपने घर
जानकारी के मुताबिक, 37 वर्षीय गोबिंदा देबनाथ असम में अपने किसी रिश्तेदार के यहां फंस गए थे। परिवार की चिंता ने उन्हें मजबूर कर दिया कि वो किसी भी हाल में अपने घर तक पहुंचे और उन्होंने ऐसा किया भी। गोबिंदा 2 दिन की यात्रा कर त्रिपुरा में अपने घर पहुंचे, लेकिन घरवालों ने उन्हें घर में दाखिल नहीं होने दिया। इसकी वजह परिवार के लोगों में कोरोना का डर है।
गोबिंदा का कोरोना टेस्ट आया नेगेटिव
घर में एंट्री नहीं मिलने के बाद निराश गोबिंदा ने कहा, 'मेरी पत्नी, मेरे बच्चे ही मुझे यहां से दूर जाने को कह रहे हैं। मैं क्या कह सकता हूं।' आपको बता दें कि घर जाने से पहले गोबिंदा का कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर में भी एक दिन गुजारा। इसके बावजूद भी उनका परिवार उन्हें घर के अंदर नहीं आने दे रहा। ऐसे में बेचारे खुद को बेसहारा महसूस कर रहे हैं।
असम में फंस गए थे गोबिंदा
जानकारी के मुताबिक, मार्च में लॉकडाउन से कुछ समय पहले ही गोबिंदा असम में अपने रिश्तेदार से मिलने गए थे। तभी सरकार ने कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन लगा दिया। काफी समय तक उन्होंने प्रतिबंध हटने का इंतजार किया। बाद में खुद ही कार किराये पर लेकर घर आ गए। यहां आकर पूरे प्रोटोकॉल का पालन भी किया, जांच भी कराई। इसके बाद पुलिस उन्हें छोड़ने उनके घर तक गई। लेकिन, इतनी मुश्किलों का बाद घर वापस आनेपर उनके परिवार ने ही उन्हें आने से मना कर दिया है।
'14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहने के बाद आएं घर'
गोबिंदा का कहना है कि शायद पड़ोसियों के डर से उनकी पत्नी ने यह कदम उठाया। जबकि, उनकी पत्नी का कहना है कि वो अपनी बीमार मां और बच्ची को बीमारी से बचाना चाहती है। पत्नी का कहना है कि, ' मैंने गोविंदा को वापस आने से मना किया था। लेकिन, वो फिर भी आ गए। अब अपनी बीमार मां की सुरक्षा के चलते उसे घर में आने की इजाजत नहीं दे सकती। उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में ही गुजारने होंगे, उसके बाद वो वापस आ सकते हैं।' पत्नी के साथ-साथ पड़ोसियों के भी कहना है कि अगर उसे बीमारी हुई तो? बता दें कि त्रिपुरा में पहले भी कई मामले आये हैं, जिसमें कोरोना मरीज या संदिग्धों के साथ सोशल बहिष्कार या भेदभाव किया गया है।
Updated on:
11 May 2020 07:27 pm
Published on:
11 May 2020 07:26 pm
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