
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को लेकर किसान संघों में गुटबाजी तेज।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन को लेकर गुटबाजी अब और बढ़ गया है। किसानों द्वारा सरकारी संस्थानों को 100 रुपए प्रति लीटर दूध बेचने के फैसले से आज संयुक्त किसान मोर्चा ने आधिकारिक रूप से अलग कर लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर साफ किया है कि उनकी तरफ से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है।
किसान न दें इस बात पर ध्यान
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे मोर्चा ने ये भी स्पष्ट कर दिया गया है कि उनके नाम पर गलत संदेश वायरल किया जा रहा है। देश भी के किसान इस बात पर ध्यान न दें। किसान संयुक्त मोर्चा के इस रुख से राकेश टिकैत की केंद्र सरकार के खिलाफ जारी मुहिम को एक तरह से झटका माना जा रहा है।
हिसार और जींद के किसानों ने लिया था फैसला
आपको बता दें कि पहले हरियाणा के हिसार और फिर जींद में खापों और किसानों ने मिलकर दूध सौ रुपए प्रति लीटर बेचने का फैसला किया था। माना जा रहा था कि बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने पर्दे के पीछे से इस मुहिम का समर्थन हासिल है। लेनिक इस एलान के कुछ ही घंटों बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस फैसले से अलग कर लिया।
Updated on:
01 Mar 2021 08:35 am
Published on:
01 Mar 2021 08:31 am
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