सर्वे में भारत को डार्क जोन में रखा गया है जहां स्थिति बहुत बिगड़ती जा रही है। 100 शहरों में अकेले चीन के 50 शहर शामिल हैं। विश्व के लगभग 35 करोड़ लोग यहां निवासरत हैं।
चार से ऊपर स्कोर यानी भयावह स्थिति विभिन्न मापदंड़ों पर अध्ययन के बाद सर्वे में 2030 और 2050 में रिस्क स्कोर के हिसाब से शहरों को बांटा गया है। 3 से चार की बीच रेटिंग वाले शहर हाई रिस्क में हैं, जबकि इससे ऊपर वाले शहरों की स्थिति और भी भयावह है। 4.5 स्कोर वाले जयपुर व इंदौर में 2050 तक खतरा सबसे ज्यादा बढऩे की आशंका व्यक्त की गई है। पर्यावरण संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में सर्वे में शामिल इन शहरों को भयावह स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया की निदेशक डॉ. सेजल वराह ने कहा कि भारत का भविष्य उसके शहरों में झलकता है। बढ़ती जनसंख्या के साथ ही यहां तेजी से शहरीकरण हो रहा है। यह शहर हैं शामिल
पुणे, श्रीनगर, कोलकाता, मुंबई, कोझीकोड, विशाखापट्टनम, ठाणे, वडोदरा, राजकोट, कोटा, नाशिक, जबलपुर, हुबली-धारवाड़, नागपुर, जालंधर, धनबाद, भोपाल, सूरत, दिल्ली, अलीगढ़, लखनऊ व कन्नूर। यह कदम उठाना जरूरी