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क्या है बिहार सरकार का HIT Covid App, जिससे खुश होकर पीएम मोदी ने मांगी पूरी जानकारी

बिहार के हिट कोविड ऐप से प्रभावित होने के बाद पीएम मोदी ने इसके देशव्यापी इस्तेमाल के लिए विवरण मांगा। मंगलवार को नौ राज्यों के कई जिलों के अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने इस ऐप की जानकारी दी।

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What is Bihar HIT COVID App that impressed PM Modi

What is Bihar HIT COVID App that impressed PM Modi

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान घरों में रह रहे मरीजों की देखभाल के लिए बिहार सरकार द्वारा डेवलप किए गए एक ऐप ने खासी प्रसिद्धि बंटोरी है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हुए हैं। इस इन्नोवेटिव होम आइसोलेशन ट्रैकिंग (HIT) ऐप के बारे में जानकारी होने पर पीएम मोदी ने इसकी पूरी जानकारी मांगी है और उम्मीद जताई जा रही है कि इसका इस्तेमाल देशभर में किया जा सकता है।

पीएम मोदी ने बिहार सरकार के इस हिट ऐप की विशेष प्रशंसा की है। मंगलवार को नौ राज्यों के कई जिलों के अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने इस ऐप के संबंध में जानकारी दी।

इसके बाद पीएम मोदी ने देश भर में इस ऐप के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसका विवरण भेजने का आदेश दिया। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सोमवार को होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे कोरोना वायरस मरीजों तक पहुंचने के लिए "HIT COVID ऐप" लॉन्च किया था। इस HIT ऐप को स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (BELTRON) द्वारा विकसित किया गया है।

इस प्रोजेक्ट के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता रोजाना होम आइसोलेशन में मरीजों का तापमान और ऑक्सीजन स्तर रिकॉर्ड करने जाते हैं और डेटा को ऐप में फीड किया जाता है। सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों के लिए जरूरी कार्रवाई की जाती है।

बताया गया है कि इस ऐप को शुरुआत में परीक्षण के आधार पर पांच जिलों में लॉन्च किया गया था और इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में विस्तारित किया गया है। हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जहां होम क्वारंटाइन मरीजों के बेहतर रखरखाव के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है।

80,000 आशा या सहायक नर्स मिडवाइफ कार्यकर्ता और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा प्रशिक्षित 15,000 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर में आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों के डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के लिए लगाया गया है।

इस योजना ने सुपौल जिले में गंभीर रूप से बीमार दो कोरोना मरीजों रोगियों की पहचान में मदद की, जिन्हें जानकारी मिलने पर समय पर इलाज दिया गया।


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