19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जब सरदार पटेल को एक विदेशी ने समझ लिया चपरासी, जानें फिर क्या हुआ

अपनी सादगी से पटेल ने विदेशी को किया अभिभूत

2 min read
Google source verification
PATEL

PATEL

नई दिल्ली। हमारे देश के स्वतंत्रतता सेनानी सर्वोच्च पद पर होते हुए भी कितने साधारण ढंग से रहते थे, यह कहानी उसी की एक जीती जागती मिसाल है। बताते हैं कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की सादगी के कारण एक विदेशी ने उन्हें एक चपरासी समझ लिया। जब उसे अपनी भूल का एहसास हुआ तो वह बहुत पछताया।

दरअसल, यह कहानी उस समय की है जब देश आजाद हो चुका था। एक दिन की बात है। सरदार पटेल ऐसेंबली के कार्यो से निवृति होकर अपने घर जाने वाले थे कि एक अंग्रेज दम्पत्ति वहां पहुंच गया। वे लोग भारत घूमने के लिए आये हुए थे। दंपत्ति ने सरदार पटेल को एक चपरासी समझ लिया और उनसे वहां के बारे में पूछा। उन्होंने सरदार पटेल से उन्हें एसेबंली में घुमाने के लिए कहा। अनजान विदेशियों का आग्रह पटेल जी टाल न सके और वे उन्हें घुमाने के लिए ले गए। रास्ते में हर जरुरी चीजों के बारे में वे उन्हें लगातार बताते भी जा रहे थे।
पूरी असेंबली घूमने के बाद जब विदेशी वापस जाने को हुए तो उन्होंने सरदार पटेल को एक रुपया बतौर उपहार देने लगे। सरदार पटेल सारी बात को बखूबी समझ रहे थे। उन्होंने विनम्रतापूर्वक इंकार कर दिया और अपने घर चले गए। दूसरे दिन वही जोड़ा असेंबली की कार्रवाई देखने पहुंचा। उन्होंने देखा कि वह व्यक्ति जो कल उन्हें असेंबली घुमा रहा था, वह अध्यक्ष के आसन पर बैठा हुआ था और लोग उसके निर्देशों का पालन कर रहे थे। जब उसने उनके बारे में आसपास के लोगों से पूछा तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी। उन्हें पता चल चुका था कि कल वे जिसे एक साधारण माली समझ रहे थे, वह कोई और नहीं बल्कि सरदार वल्ल्भ भाई पटेल थे।

कहने की जरूरत नहीं कि दंपत्ति को अपनी करनी पर भूल का एहसास हुआ और बाद में उन्होंने सरदार पटेल से इसके बारे में माफ़ी मांगी। उदार हृदय सरदार पटेल ने कहा कि उनके देश में आने वाला हर विदेशी उनका मेहमान है और मेहमान की सेवा करने में कुछ भी गलत नहीं है।

ये भी पढ़ें

image