भारत में शिक्षक दिवस मनाने का इतिहास शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan ) की जंयती पर हर साल मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्ण का जन्म पांच सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव स्थिति एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि राधकृष्णन को पढ़ाई-लिखाई का काफी शौक भी था। जब वह भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ छात्र और उनके मित्र उनसे मिलने पहुंचे और जन्मदिन मनाने की अनुमति मांगी। इस पर राधाकृष्णन ने कहा था कि मेरे जन्मदिन को अलग से न मनाया जाए। बल्कि, मेरे जन्मदिन यानी पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। अगर ऐसा आप लोग करते हैं तो मेरे लिए यह सौभाग्य की बात होगी। इसके बाद से ही भारत में पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यहां आपको बता दें कि साल 1962 से हर साल पांच सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हालांकि, भारत ही नहीं दुनिया में भी शिक्षक दिवस मनाने का प्रचलन है, लेकिन हर जगह तारीख अलग-अलग है।
इन देशों में भी मनाया जाता है शिक्षक दिवस गौरतलब है कि अमरीका, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, मलेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, अल्बानिया जैसे देशों में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। पाकिस्तान में पांच अक्टूबर को हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वहीं, अमरीका में छह मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। चीन में 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। ब्राजील में हर साल 15 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जबकि, आस्ट्रेलिया में हर साल अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। क्योंकि, देश और दुनिया में शिक्षक का स्थान काफी ऊपर है। छात्रों के जीवन संवारने में शिक्षक की बड़ी भूमिका होती है। इतना ही नहीं उनका सम्मान भी बहुत ज्यादा होता है। लिहाजा, पांच सितंबर का दिन बेहद खास माना जाता है।