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क्यों नीला रंग और संविधान निर्माता बाबा साहेब को साथ जोड़ा जाता है?

बाबा साहब को नीला रंग काफी पसंद था। उन्होंने अपनी पार्टी के झंडे का रंग भी नीला रखा था।

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बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर

नई दिल्ली। देश में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर हर रोज नई खबरें सामने आती हैं। कभी कहीं अबेंडकर की प्रतिमा को खंडित किया जाता है तो कहीं उसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की जाती है. अभी हाल ही में यूपी में पहले अंबेडकर की प्रतिमा को तोड़ने की ख़बर सामने आई फिर उसका पुनर्निर्माण किया गया जिसमें उन्हें नीले रंग की जगह भगवा संग से रंग दिया गया। बाबा साहब पर चढ़े भगवा रंग का कई दलित समुदायों ने विरोध किया। लेकिन इन सब के बीच एक बात सोचने वाली है कि क्यों नीले रंग को बाबा साहब के साथ जोड़ दिया जाता है? ये काफी उस्सुकता का विषय है।

यही नहीं अगर आप दलितों के संघर्ष को देखें तो तब भी आप दलितों के साथ नीले रंग के झंडे को पाएंगे। हाल ही में जब पूरे देश में दलितों ने एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था तो उस समय भी रैलियां नीले रंग के झंडों और टोपियों से पटी पड़ी थीं। जब भी दलितों का कोई मार्च या रैली निकलती है, तो उसमें भी नीला रंग लहराता दिखता है।

अंबेडकर की पार्टी का रंग भी नीला था
आपको बता दें कि बीआर अंबेडकर ने अपनी एक पार्टी बनाई थी, जिसका नाम था 'इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी'। ऐसा कहा जाता है कि अपनी पार्टी के झंडे का रंग उन्होंने नीला रखा था। बता दें कि उन्होंने यह रंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े दलित वर्ग महार के झंडे से लिया। साल 2017 में अर्थ नाम के जर्नल में 'फैब्रिक रेनेड्रेड आइडेंटिटीः ए स्टडी ऑफ पब्लिक रिप्रेजेंटेशन इन रंजीता अताकाती' में प्रकाशित शोध पत्र भी यही बात कही गई है। तब से अंबेडकर ने इस नीले रंग को दलित चेतना का प्रतीक माना था।

निजी जीवन में भी बाबा साहब नीले रंग का करते थे उपयोग
अंबेडकर जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 'दलित मित्र' पुरस्कार से सम्मानित अंबेडकर महासभा के लालजी निर्मल ने कहा, 'नीला बाबा साहब का पसंदीदा रंग था और उन्होंने इसे अपने निजी जीवन में भी इस्तेमाल किया था।

आकाश का रंग भी नीला
आकाश यानी आसमान को विशालात का प्रतीक माना जाता है। यह सभी जानते है आकाश का रंग भी नीला है। यह वह रंग है जो बिना भेदभाव के लोगों को अपनाता है। आसमान के तले खड़ा हर व्यक्ति, हर समुदाय एक बराबर होता है। यह एक मात्र थ्योरी है लेकिन इस वजह से भी नीला रंग बाबा सहब से जुड़ा है। आपको बता दें कि इस तथ्य का कोई पुख्ता आधार नहीं।

बाबा साहब को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था
ऐसा कहा जाता है कि बाबा साहब अंबेडकर को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था। वो अक्सर नीले रंग का थ्री पीस सूट पहना करते थें। चूंकि अंबेडकर नीले रंग के सूट में होते थे, लिहाजा दलित समाज ने इस रंग को अपनी अस्मिता और प्रतीक के रूप में लिया और इस रंग को अपनाया। यही कारण है कि देशभर में अंबेडकर की जितनी भी मूर्तियां मिलेंगी सब नीले रंग में रंगी हैं।


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