
नई दिल्ली। कोरोना ( Coronavirus ) के खिलाफ जंग में भारत को एक और सबसे बड़ा हथियार मिलने वाला है। सबकुछ सही रहा तो जल्द ही देश में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी टीका लगना शुरू हो जाएगा।
दरअसल बेंगलूरु बेस्ड फार्मास्युटिकल कंपनी जायडस कैडिला ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई से 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए अपनी डीएनए वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है।
DCGI की ओर से इस टीके को मंजूरी मिल जाती है तो देशभर में चल रहे टीकाकरण अभियान को नई दिशा मिल जाएगी।
जायडस कैडिला ने भारत के टॉप दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( DCGI ) से आवेदन किया है, इस आवेदन में अपनी डीएनए वैक्सीन Zycov-D के इमरजेंसी अप्रूवल को मंजूरी दिए जाने की मांग की है। दरअसल ये मांग ऐसे वक्त पर की गई है जब कैडिला की इस वैक्सीन के तीन चरणों का ट्रायल पूरा हो चुका है।
28000 से ज्यादा वॉलंटियर्स ने लिया हिस्सा
जायडस कैडिला की यह वैक्सीन 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है। कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है। इसके मुताबिक 28,000 से ज्यादा वॉलंटियरों ने इन ट्रायल में हिस्सा लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खरी उतरी है।
Zycov-D टीका बच्चों के लिए सुरक्षित
कैडिला की वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर जो डेटा प्रस्तुत किया गया है, उसके मुताबिक Zycov-D टीका 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के लिए सुरक्षित है।
120 मिलिनय खुराक बनाने की योजना
जायडस कैडिला ने कोरोना संक्रमण के बीच वैक्सीन की 100 से 120 मिलियन डोज तैयार करने की योजना बनाई है।
कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा के मुताबिक जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के अंत तक या अगस्त में, हम 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकते हैं। हालांकि अभी डीसीजीआई की मंजूरी का इंतजार है।
इस अप्रूवल के मिलते ही देश में कोरोना से जंग के खिलाफ एक और बड़ा हथियार मिल जाएगा। खास तौर तीसरी लहर की आहट के बीच ये काफी कारगर हो सकता है, क्योंकि तीसरी लहर को लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे होंगे।
बिना सुई के लगेगा टीका
जायडस कैडिला की ZyCoV-D कोरोना वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित है। इसे फार्माजेट सुई रहित तकनीक की मदद से लगाया जाएगा।
यानी इसमें सुई की जरूरत नहीं पड़ती। बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं। मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से टीके की दवा शरीर के अंदर पहुंच जाती है।
Published on:
01 Jul 2021 12:56 pm
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