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एंटी मलेरिया दवा पर ट्रंप का रुख नरम, कहा – भारत में खपत ज्यादा, इसलिए निर्यात पर लगी थी रोक

एंटी मलेरिया दवा के निर्यात पर भारत सरकार की रोक से ट्रंप नाराज़ थे ट्रंप ने कहा था - भारत ने अमरीका को दवा नहीं भेजी, तो लेंगे प्रतिशोध ट्रंप ने एंटी मलेरिया दवा पर लिया यू-टर्न, कहा भारत में भी खपत ज्यादा

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एंटी मलेरिया दवा पर ट्रंप का रुख नरम, कहा - भारत में खपत ज्यादा, इसलिए निर्यात पर लगी थी रोक

एंटी मलेरिया दवा पर ट्रंप का रुख नरम, कहा - भारत में खपत ज्यादा, इसलिए निर्यात पर लगी थी रोक

दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने एंटी मलेरिया दवा के निर्यात पर भारत सरकार के रोक लगाने पर कड़ा रुख़ अख़्तियार किया था। उन्होंने कहा था कि अगर भारत ने दवा के अमरीका को निर्यात करने की अनुमति नहीं दी, तो वह प्रतिशोध लेंगे। बाद में भारत सरकार ने भी इस रोक में ढिलाई देने की घोषणा कर दी थी।इसके केवल एक ही दिन बाद अमरीका के राष्ट्रपति अपना सुर बदलते नजर आए।

ट्रंप का दावा 29 लाख डोज़ में से ज्यादातर भारत करेगा सप्लाई

एंटी मलेरिया दवा यानी कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ( hydroxychloroquine ) पर ट्रंप के यू टर्न का सबूत उनके टेलीफोन पर अंग्रेज़ी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू को माना जा रहा है। इसमें उन्होंने एक सवाल केजवान में कहा - मैंने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के 29 लाख डोज़ अमरीका के लिए ख़रीदे हैं। मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और ज्यादातर डोज़ वहीं से अमरीका आएंगे।

पहले हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन का निर्यात भारत ने रोक दिया था

एंटी मलेरिया दवा की खपत भारत में भी काफी ज्यादा है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से भारत सरकार ने घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन मंगलवार को अचानक इसमें आंशिक ढिलाई दे दी गई। यह माना जा रहा है कि अमरीकी दबाव में ही भारत को ऐसा करने पर मजबूर होना पड़ा था।

विदेश मंत्रालय ने कहा - भारत कोरोना से प्रभावित देशों के साथ

इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने स्थिति साफ करते हुए बयान दिया कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोपको देखते हुए भारत ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय महामारी से प्रभावित देशों केसाथ सहयोग करें। विदेशी नागरिकों को कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से बाहर निकालने में मदद करने की वजह भारत की यही प्रतिबद्धता है। साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि Covid-19 के इलाज से संबंधित दवाओं को लेकर अनावश्यक रूप से विवाद फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं। एक ज़िम्मेदार सरकार के रूप में हमारी प्राथमिकता यही है कि भारतीय नागरिकों के लिए दवाओं के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हों। यही सुनिश्चित करने के लिए कुछ दवाओं के निर्यात पर तात्कालिक रूप से अस्थायी प्रतिबंध लगाए गए थे।