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यूरोपीय संघ ने ठोंका गूगल पर जुर्माना, अमरीका और यूरोपीय यूनियन के बीच ट्रेड वार की आशंका

गूगल पर आरोप है कि उसने ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से अपने फायदे के लिए किया है।

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नई दिल्ली। यूरोपीय संघ ने एक बड़ा कदम उठते हुए गूगल पर 373 अरब रुपये का जुर्माना ठोंक दिया है। गूगल पर एंड्रायड मार्केट में अपनी अग्रता का नाजायज फायदा उठाने का आरोप लगाया गया है। यूरोपियन यूनियन ने कहा है कि मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रायड के जरिये गूगल दूसरी कंपनियों को मार्केट में आगे बढ़ने से रोक रहा है।

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यूरोपीय संघ का सख्त कदम

यूरोपीय यूनियन प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्गरेट वेस्टवेजेर ने कहा, 'गूगल ने ऐंड्रॉयड का इस्तेमाल अपने सर्च इंजन को मजबूत करने के लिए किया है। यह यूरोपीय यूनियन के ऐंटीट्रस्ट नियमों के हिसाब से गैरकानूनी है।' गूगल पर आरोप है कि उसने गैरकानूनी तरीके से ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया है।

गूगल पर बड़ा आरोप

गूगल फोन बनाने वाली बड़ी कंपनियों को पहले से ही गूगल क्रोम ब्राउजर के साथ ही तमाम एप्स इंस्टॉल करने के लिए विवश करता है। आरोप है कि गूगल ने सैमसंग जैसी बड़ी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों को उनके फोन में गूगल क्रोम समेत उसके कई एप्प को प्री इंस्टाल करने को मजबूर किया। इसके लिए पैसे दिए गए। इससे दूसरी कंपनियों को नुकसान हुआ। यूरोपीय यूनियन के साथ-साथ पूरी दुनिया में में बेचे जाने वाले स्मार्टस फोन में भी गूगल सर्च और क्रोम पहले से इंस्टॉल रहता है। यूरोपियन यूनियन का कहना है कि गूगल फोन कंपनियों को पहले से गूगल के एप्स इंस्टॉल करने के लिए पैसे भी देता है। यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्गरेट वेस्टवेजेर ने कहा कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को इस कार्रवाई की जानकारी दे दी गई है।

गूगल के खिलाफ शिकायत

यूरोपीय संघ का प्रतिस्पर्धा आयोग पिछले साल से गूगल के खिलाफ मामले कि जांच कर रहा था। एंड्रॉयड की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया की स्मार्ट फोन बाजार के अन्य प्रतिद्वंदियों की शिकायत पर गूगल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 2013 में फेयर सर्च नामक ग्रुप ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस ग्रुप में नोकिया, माइक्रोसॉफ्ट और ओरैकल जैसी कंपनियां थीं।

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अमरीका और यूरोपीय संघ में बढ़ सकता है तनाव

कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे यूरोपीय संघ के इस कदम से अमरीका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार युद्ध पनप सकता है। मार्गरेट वेस्टेजर के इस फैसले की यूरोपीय यूनियन के देशों में खूब तारीफ हो रही है जबकि अमरीका में इसके खिलाफ गुस्सा है। इंटरनेट सर्च पर सिलिकॉन वैली के बढ़ते प्रभुत्व को लेकर यूरोपियन यूनियन लगातार अमरीका पर हमला करता रहा है। अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा यूरोप से स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर पहले ही आयात शुल्क लगा दिया गया है।