
नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरी दुनिया में इच्छा मृत्यु पर बहस चल रही है। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में इच्छा मृत्यु को कानूनी तौर पर लागू करना तय कर दिया गया है। विक्टोरिया के संसद से बहुचर्चित इच्छा मृत्यु बिल को पास कर दिया गया है। इसके साथ ही विक्टोरिया यह बिल पास करने वाला ऑस्ट्रेलिया का पहला राज्य बन गया है। हालांकि इस कानून को वर्ष 2019 के मध्य से लागू किया जाएगा।
इनके लिए मान्य होगा यह कानून
इस प्रावधान से ऐसे मरीज जिन्हें किसी तरह की गंभीर बीमारी हो, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। ऐसे मरीज जिनकी छह महीने की जीवन प्रत्याशा हो उनके लिए यह कानून मान्य होगा। ऐसे मरीज अब डॉक्टरों के निगरानी में आत्महत्या कर सकेंगे।
इस प्रक्रिया के लिए पूरी करनी होंगी कुछ शर्तें
इसके लिए मरीजों को दो स्वतंत्र चिकित्सा विशेषज्ञों से मंजूरी लेनी होगी। उसकी उम्र 18 साल से ऊपर हो तथा वह मानसिक रूप से यह निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। साथ ही वह व्यक्ति कम से कम एक साल से विक्टोरिया का निवासी हो। इन्हीं दशाओं में उसे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाएगी। हालांकि कुछ मामलों में इन नियमों में विशेष छूट भी दिया जा सकती है। जैसे कोई व्यक्ति किसी खास तरह की मानसिक बीमारी जैसे मोटर न्यूरॉन रोग, मल्टीपल स्क्लेरोसिस आदि से पीड़ित हो तो उनके लिए नियमों में ढील दी जा सकती है।
डॉक्टर करेंगे मदद
इच्छामृत्यु की स्थिति में मरीजों को खुद ही अपनी जान लेनी पड़ेगी। कुछ मामलो में डॉक्टरों द्वारा जानलेवा इंजेक्शन लगवा कर मदद ली जा सकेगी।
100 घंटों की लंबी बहस के बाद फैसला
इस बिल को पास करने के लिए ऊपरी और निचले सदनों में काफी लंबी बहस चली। करीब 100 घंटों की लंबी बहस के बाद यह निर्णय लिया गया।
फैसले पर गर्व है: विक्टोरिया सत्ता प्रमुख
विक्टोरिया के सत्ता प्रमुख डेनियल एंड्रू पिछले साल इस बिल के पक्ष के वकील बनें। पिछले वर्ष कैंसर से उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी, जिसके बाद उन्होंने यह फैसला लिया। वह इस फैसले से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए आज बहुत गर्व का दिन है, क्योंकि मैंने एक ऐसी टीम का प्रतिनिधत्व किया। जिसने आत्महत्या एक ऐसे मामले में सुधार लाने में मदद किया है। जिस पर पूरे विक्टोरिया को गर्व होगा।
Published on:
29 Nov 2017 06:13 pm
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