भारतीय नौसेना (Indian navy) को वर्ष 1971 में ब्रिटेन से सी किंग हेलीकॉप्टर मिले थे। इसके बाद से इन्हें अपग्रेड कर चलाया जा रहा था। अब इनके स्थान पर एमएच-60आर (MH-60R) हेलीकॉप्टर हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी और पाकिस्तानी पनडुब्बियों और युद्धपोतों से निगरानी करेंगे।
इन हेलीकॉप्टरों के माध्यम से नॉर्वेजियन कंपनी कॉन्ग्सबर्ग डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा विकसित की गई अत्याधुनिक नेवल स्ट्राइक मिसाइल (NSM) को भी दागा जा सकता है। NSM किसी युद्धपोत को 185 किलोमीटर की रेंज में क्षति पहुंचा सकती है। अभी इस हथियार की डील होना बाकी है।
इस सौदे को सीधे अमरीकी नौसेना के जरिए किया जा रहा है। लॉकहीड मार्टिन को तीन एमएच-60 आर हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी प्रक्रिया को तेज करने की अनुमति दी है। इससे भारतीय नौसेना के पायलटों और इंजीनियरों को इन हेलीकॉप्टरों पर प्रशिक्षण का मौका मिलेगा। एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की पहली खेप अमेरिका से अगले साल भारत को मिल जाएगी।