
नई दिल्ली। उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हिदायत भरे लहजे में अमरीका से कहा है कि वो फिजूल के दावे न करे। लंबे अरसे बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बातचीत के लिए बेहतर वातावरण तैयार हुआ है। प्रवक्ता ने अमरीका के दावे की निंदा करते हुए कहा कि उसका यह आरोप कि राजनीतिक दबाव और प्रतिबंधों की चेतावनी के चलते किम जोंग उन ने बातचीत का रास्ता अपनाया है पूरी तरह से बेबुनियाद है। अगर अमरीका का रवैया यही रहा तो बातचीत का सिलसिला एक बार फिर ट्रैक से उतर सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेइ इन से मुलाकात की थी।
अमरीका का रवैया खतरनाक
उत्तर कोरिया विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के ने बताया है कि अमरीका का रवैया खतरनाक है। वह एक बार फिर बातचीत को पटरी से उतारना चाहता है। जबकि दोनों देशों के प्रमुखों के बीच मुलाकात के दौरान उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों को छोड़ने को लेकर सहमति जताई थी। ऐसे वक्त में जब कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता का माहौल बना है अमरीका को चाहिए कि वो इस तरह का बयान देकर बचकानी हरकत न करे। हालांकि विरोधाभासी बयानों के बीच किम जोंग उन की इस महीने या जून में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात हो सकती है।
उन ने मून का हाथ पकड़ पार कराई थी सीमा
उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन के दक्षिण कोरिया की धरती पर पैर रखते ही वहां के राष्ट्रपति मेन जेई-इन ने कहा था कि आपका स्वागत है। इसके बाद उन्होंने कहा था कि आप दक्षिण कोरिया आ गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा कब संभव होगा, जब मैं नॉर्थ कोरिया जाऊं। इसके बाद क्या था किम जोंग उन ने तुरंत मून का हाथ पकड़ा और चंद मीटर की दूरी तय कर उन्हें नॉर्थ कोरिया के इलाके में ले गए। फिर दोनों नो मेन्स लैंड कहे जाने वाले असैन्य इलाके में आए। हालांकि यह इलाका साउथ कोरिया के क्षेत्र में आता है।
Published on:
06 May 2018 12:54 pm
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