16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Donald Trump ने H1-B वीजा पर पाबंदी लगाने का किया ऐलान, भारतीय पेशेवरों को बड़ा झटका!

Highlights अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा कदम उठाते हुए 31 दिसंबर 2020 तक H1-B वीजा पर पाबंदियों की घोषणा कर दी है। अमरीका में काम करने के लिए H1-B वीजा पाने वाले लोगों में सबसे ज्‍यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स हैं।

2 min read
Google source verification
Donald Trump

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप।

वाशिंगटन। कोरोना संकट (Coronavirus) से जूझ रहे अमरीका में बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा कदम उठाते हुए H1-B वीजा पर पाबंदियों की घोषणा कर दी है। इस ऐलान के बाद भारतीय पेशेवरों को तगड़ा झटका लगा है। यह पाबंदी 31 दिसंबर 2020 तक लगाने का ऐलान किया गया है। ट्रंप के इस फैसले से विभिन्न क्षेत्रों को में काम कर रहे ढाई लाख विदेशी कामगार प्रभावित हो सकते हैं। इससे सबसे बड़ा नुकसान भारतीयों को उठाना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि अमरीका (America) में काम करने वाली कंपनियों को विदेशी कामगारों को मिलने वाले वीजा को H1-B वीजा कहते हैं। इस वीजा को एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है। अमरीका में काम करने के लिए H1-B वीजा पाने वाले लोगों में सबसे ज्‍यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स हैं। ऐसे में वीजा पाबंदियों का सबसे अधिक नुकसान भारतीयों को होना तय है। हालांकि,ये भी कहा जा रहा है कि नई वीजा पाबंदियों से इस समय वर्क वीजा पर अमरीका में काम करने वाले लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

बीते सोमवार को वाइट हाउस ने ट्वीट कर एच1बी, एच2बी, एल1 और जे1 वीजा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। इस पर ट्रंप ने कहा था कि अब तक बड़े व्यवसायों में काम करने के लिए विदेशों से पेशेवरों की जरूरत पड़ती रही है। यह लोग लंबे समय से बड़ी संख्या में अमरीका आते रहे हैं। मगर अब परिस्थितियों को देखते हुए हम कुछ नए प्रतिबंध लगाकर इन्हें आने से काफी हद तक रोक सकते हैं।

इसे लेकर अमरीकी कंपनियों विशेषकर आईटी कंपनियों ने ट्रंप से दोबारा विचार करने का अनुरोध किया था। उनका कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। इससे पहले,ट्रंप ने अप्रैल में कुछ विदेशियों के अमरीका में रहने पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने मार्च में स्वास्थ्य संबंधी नियमों में भी बदलाव किया था, ताकि सीमा पर हिरासत में लिए गए प्रवासियों को अमरीका में शरण न मिल सके।