15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘हेपेटाइटिस-सी’ वायरस को खोजने वाले वैज्ञानिकों को मिला नोबेल पुरस्कार

Hypetitusighlights चिकित्सा नोबेल पुरस्कार (Nobel prize) हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम को मिला है। हेपेटाइटिस विश्व भर में लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है।

less than 1 minute read
Google source verification
nobel prize winner

चिकित्सा नोबेल पुरस्कार विजेता।

वाशिंगटन। वर्ष 2020 के चिकित्सा नोबेल पुरस्कारों का ऐलान सोमवार को किया गया। इस बार यह पुरस्कार हार्वे जे अल्टर, माइकल ह्यूटन और चार्ल्स एम को मिला है। इन तीनों को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज को लेकर ये सम्मान दिया गया है। हार्वे जे अल्टर और माइकल ह्यूटन अमरीकी हैं और माइकल ह्यूटन ब्रिटेन के रहने वाले हैं।

Pakistan: पूर्व पीएम नवाज शरीफ और उनके दामाद पर राजद्रोह का केस दर्ज

गौरतलब है कि हेपेटाइटिस विश्व भर में लोगों में सिरोसिस और यकृत कैंसर का कारण बनता है। इसके खिलाफ लड़ाई में इन तीनों ने वैज्ञानिकों ने निर्णायक योगदान दिया।

वैज्ञानिक अल्फ्रेड बनार्ड नोबेल के नाम पर यह पुरस्कार दिया जाता है। अल्फ्रेड ने मृत्यु के उपरांत अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा ट्रस्ट के नाम पर कर दिया था। उनकी इच्छा थी कि इन पैसों से मानव जाति के लिए काम करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जा सके। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में दिया गया था।

कौन थे अल्फ्रेड नोबेल?

अल्फ्रेड नोबेल स्वीडन में रहते थे। वे एक रसायनज्ञ तथा इंजीनियर थे। इन्होने डाइनामाइट नामक प्रसिद्ध विस्फोटक का आविष्कार किया था। वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल को डायनामाइट तथा इस तरह के कई अविष्कारों की बखूबी समझ थी। दिसंबर 1897 में मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा उन्होंने एक ट्रस्ट के लिए सुरक्षित रखा था।

अल्फेड नोबेल की इच्छा थी जो संपत्ति वे दे रहे हैं, उसके ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए, जिनका काम मानवजाति के लिए कल्याणकारी रहा है। इस तरह से अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा से नोबेल फाउंडेशन द्वारा हर साल यह अवार्ड प्रदान किया जाता है।