
तुर्की में दूसरी बार अर्दोगान बने राष्ट्रपति,विपक्ष ने पक्षपात का लगाया आरोप
इस्तांबुल। तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव में रेचेप तैय्यप अर्दोगान ने जीत हासिल कर दूसरी बार राष्ट्रपति पद अपने नाम कर लिया। चुनाव अधिकारियों ने सोमवार को चुनाव में अर्दोगान के जीत की जानकारी दी। उन्होंने यह जीत भारी मतों से हासिल की। इस जीत के साथ अर्दोगान पर विपक्ष के आरोपों की भी बरसात शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी ने चुनाव में वोटों की गिनती पर पक्षपात का आरोप लगाया।
बैलेट बॉक्स से मतदान
तुर्की के मतदाताओं ने पहली बार किसी चुनाव में बैलेट बॉक्स के द्वारा मतदान किया। चुनाव में पहली मतगणना में ही सत्ताधारी पार्टी एकेपी के रेचेप भारी मतों से आगे बताए गए थे। अर्दोगान ने अपने करीबी प्रतिस्पर्धी मुहर्रम इंक को भारी मतों के से शिकस्त दी। मीडिया के मुताबिक,चुनाव के दौरान तुर्की के शेयर बाजार भी उंचे स्तर पर देखे गए।
सारी शक्ति राष्ट्रपति के हाथ में होगी
गौरतलब है कि अप्रैल 2017 में तुर्की में नए संविधान का गठन किया गया था और उसके बाद ये पहला चुनाव है जहां बिना किसी प्रधानमंत्री के अर्दोगान राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। दरअसल तुर्की के नए संविधान के अनुसार देश में प्रधानमंत्री पद का अस्तित्व नहीं है और सारी शक्ति राष्ट्रपति के पास होंगी।
लोकतंत्र की एक नई परिभाषा दी : अर्दोगान
अपनी जीत पर अर्दोगान ने कहा कि मुझे देश ने एक बार फिर से राष्ट्रपति पद के कार्य और कर्तव्यों को सौंपा है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव के साथ ही तुर्की ने पूरी दुनिया को लोकतंत्र की एक नई परिभाषा दी है। इसके साथ ही अर्दोगान ने मतदान परिणामों पर संदेह करने वालों को चेताते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि कोई भी चुनाव प्रक्रिया में संदेह कर देश के लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अर्दोगान ने अपनी सत्ता के दौरान तुर्की में कई ऐतिहासिक बदलाव लाए हैं। उनकी इस्लाम पार्टी पहली बार 2002 में सत्ता में आई थी। हालांकि उन पर नागरिकों की आजादी छीनने का आरोप है। अर्दोगान तुर्की में उच्च स्तर की महंगाई के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भी जाने जाते हैं। इन सबके अलावा उन पर मुख्यधारा की मीडिया को दबाने का भी आरोप लगता रहा है।
Published on:
25 Jun 2018 03:00 pm
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