
श्रीलंका में राजनीतिक घटनाक्रम पर अमरीका की नजर, सभी पक्षों से संविधान का पालन करने की अपील
वाशिंगटन। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना द्वारा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री घोषित करने के बाद उत्पन्न राजनीतिक संकट पर अमरीका नजर रखे हुए है। अमरीका ने सभी पक्षों से संविधान का पालन सुनिश्चित करने की अपील की है। संयुक्त राज्य के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा है कि वह श्रीलंका में घटनाक्रम पर नजर रख रहा है।
अमरीका की नजर
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने बयान जारी कर कहा है कि 'हम सभी पार्टियों को संविधान के अनुसार कार्य करने, हिंसा से बचने और प्रक्रिया का पालन करने की अपील करते हैं। मानवाधिकार, सुधार, जवाबदेही और सुलह के लिए जेनेवा प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए श्रीलंका के सरकार उचित प्रयास करे।' बात दें कि शुक्रवार को देश के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जा रहा है। मौजूदा राष्ट्रपति सिरीसेना का यह फैसला बेहद चौंकाने वाला रहा। बता दें कि राष्ट्रपति सिरीसेना ने राष्ट्रपति चुनाव में महिंद्रा राजपक्षे को ही हराया था।
सभी पक्ष प्रक्रिया का पालन करें
श्रीलंका में सामने आए इस संकट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए अमरीकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह द्वीप देश में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। अमरीका ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और प्रक्रिया का पालन करने की अपील की है। बात दें कि अपने धुर राजनीतिक विरोधी राजपक्षे को प्रधानमंत्री बनाकर मैत्रीपाला सिरीसेना ने सबको हैरत में दिया है। इसे पहले उनकी पार्टी ने गठबंधन सरकार छोड़ने की घोषणा की थी। बता दें कि गठबंधन सरकार में पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूएनपी पार्टी भी शामिल थी और सिरीसेना उनके साथ मिलकर ही सरकार चला रहे थे। पीएम के रूप में राजपक्षे की नियुक्ति राष्ट्रपति सिरीसेना के उस फैसले के तुरंत बाद हुई जिसमें उनकी पार्टी ने कहा था कि वह गठबंधन सरकार से बाहर निकल रही है।
Published on:
27 Oct 2018 11:15 am
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