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अमरीका ने क्‍यों मानी उत्‍तर कोरिया की बात, दक्षिण कोरिया के साथ बंद होगा सैन्‍य अभ्‍यास

अपने सख्‍त रवैये से अलग किम के साथ बातचीत के दौरान राष्‍ट्रपति ट्रंप के व्‍यावहारिक रुख से कोरियाई प्रायद्वीप तनाव को कम करने में मदद मिली।

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Dhirendra Kumar Mishra

Jun 14, 2018

kim trump

अमरीका ने क्‍यों मानी उत्‍तर कोरिया की बात, दक्षिण कोरिया के साथ बंद होगा सैन्‍य अभ्‍यास

नई दिल्‍ली। अमरीकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की सिंगापुर में मुलाकात और बातचीत के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव खत्‍म होने के आसार बन गए हैं। अब दुनिया भर के राजनयिकों के बीच इस बात की चर्चा है कि नहीं सुलझने वाला यह मसला आसानी से कैसे सुलझ गया? अभी तक दुनिया भर के राजनयिक यही मानते रहे हैं कि इस मसले में पर ट्रंप और किम दुश्‍मनी वाले रवैये को देखते हुए नहीं लगता है कि दोनों देशों के राष्‍ट्र प्रमुख कोई रास्‍ता निकाल पाएंगे। लेकिन दोनों ने समझदारी दिखाते हुए उदार रवैया अपनाया और दशकों पुरानी दुश्‍मनी दोस्‍ती में बदल गई है। यह चमत्‍कार अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन की ऐतिहासिक वार्ता से संभव हुआ। दोनों के इस रुख से पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है।

ट्रंप ने क्‍यों मानी उत्‍तर कोरिया की शर्त?
आपको बता दें कि ट्रंप ने चुनाव प्रचार के समय अमरीकी जनता से वादा किया था कि वो विदेशी जिम्‍मेदारियों की वजह से अमरीका को हो रहे आर्थिक नुकसान में कटौती करेंगे। उन्‍होंने दक्षिण कोरिया से 30,000 अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाने की बातें भी की थी। दक्षिण कोरिया में 30,000 अमरीकी सैनिकों की तैनाती पर खर्च को वो एक बोझ मानते रहे हैं। दूसरा वादा उन्‍होंने अमरीकी जनता से ये किया था कि वो सभी को सुरक्षित माहौल देंगे। इन बातों को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍होंने उत्तर कोरिया की शर्त को मान लिया है। इस निर्णय अमरीका को दो लाभ मिलेगा। भविष्‍य में अमरीका पर आर्थिक दबाव कम होगा। दूसरी ये कि उत्‍तर कोरिया की तरफ से परमाणु हमले का खतरा भी टल जाएगा। अब उन्‍होंने कहा है कि मुझे आशा है कि यह आखिरकार होगा।

दक्षिण कोरिया से वापस होंगे 30 हजार अमरीकी सैनिक!
इस बात का फैसला अभी होना बाकी है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि किम ने ट्रंप से परमाणु हथियारों को नष्‍ट करने और परमाणु मिसाइल परीक्षण न करने का वादा किया है, उस पर किम अमल करते हैं या नहीं। किम को पहले इस शर्त को पूरा करना होगा। शर्त पूरा होने तक उत्‍तर कोरिया पर प्रतिबंध जारी रहेगा। लेकिन ट्रंप की इस टिप्पणी दक्षिण कोरियाई कट्टरपंथियों के कान खड़े हो गए हैं। दक्षिण कोरिया में इस बात की चर्चा होने लगी है कि ट्रंप कोरियाई प्रायद्वीप में तैनात अपने 30,000 सैनिकों को वापस बुला लेंगे। आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया के सुरक्षा को जोखिम में न डालने की जिम्‍मेदारी अमरीका की है। अमरीका और दक्षिण कोरिया सुरक्षा के मामले में सहयोगी देश हैं। करीब 30,000 अमरीकी सैनिक दक्षिण कोरिया में तैनात हैं। वे उत्तर कोरिया से उसे बचाने के लिए वहां रखे गए हैं, जिसने 1950 में आक्रमण किया था। दोनों देश हर साल संयुक्त सैन्य अभ्यास करते रहे हैं, जो उत्तर कोरिया के लिए हमेशा से चिंता का विषय रहा है। उत्तर कोरिया लंबे समय से युद्ध अभ्यास बंद करने का अनुरोध करता रहा है और खुद भी बार-बार मिसाइल परीक्षण करता रहा है, जिससे संबंधों में तनाव आया और स्थितियां इतनी बिगड़ गईं।