यह सुविधा पहले 1 जुलाई से लागू होनी थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया। अब इसे सभी मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर 15 अगस्त से शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत अगर अब कोई ग्राहक नया सिम या नया कनेक्शन लेता हैं तो फॉर्म में लगाए गए फोटो का लाइव फेस मिलान किया जाएगा। वहीं, ख़ास बात है कि यूआईडीएआई ने कहा है कि लाइव फेस फोटो और ईकेवाईसी के दौरान निकाली गई तस्वीर का मिलान उन मामलों में ज़रूरी होगा, जिनमें मोबाइल सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस सुविधा को लेकर यूआईडीआई ने बताया है कि 15 सितंबर के बाद हर टेलीकॉम ऑपरेटर को महीने में सिमकार्ड के लिए कम से कम 10 प्रतीशत सत्यापन इस सुविधा के अनुसार करने होंगे। इससे कम होने पर हर सत्यापन के लिए 20 पैसे का जुर्माना लगाया जाएगा। यूआईडीएआई ने कहा कि ये कदम फिंगरप्रिंट में गड़बड़ी की संभावना रोकने या उसकी क्लोनिंग रोकने के लिए उठाया गया है। इससे मोबाइल सिम जारी करने और उसे एक्टिव करने की ऑडिट प्रक्रिया और सुरक्षा को मज़बूत किया जा सकेगा।