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नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव काफी हाईटेक हो गया है और इसका साफ नजारा सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक चुनाव प्रचार के लिए तरह-तरह के पैतरे अपना रहे हैं ताकि सोशल मीडिया के जरिए भारत के कोने-कोने में पीएम मोदी को जीत दिलाने में कामयाब हो सके। हालांकि सोशल मीडिया के जरिए आचार संहिता का भी खुब उल्लंघन किया जा रहा है।
अगर फेसबुक की बात करें तो पीएम मोदी के समर्थन में ‘My First Vote for Modi’, ‘Nation With NaMo’, ‘Bharat ke Mann ki Baat’ और 'NaMo Merchandise जैसे पेज बनाए गए हैं जहां पीएम मोदी का जमकर प्रचार किया जा रहा है। फेसबुक की तरफ से जारी सप्ताहिक रिपोर्ट में कहा गया है कि My First Vote For Modi पेज पर 17-23 मार्च के बीच 46.6 लाख रुपए विज्ञापन में खर्च किए गए हैं। अगर भारतीय राजनीति की सिर्फ बात करें तो एक हफ्ते में 1.5 करोड़ रुपये विज्ञापन में खर्च किए गए हैं। हालांकि रिपोर्ट सामने आने के बाद ये सभी विज्ञापन फेसबुक पेज से तेजी से गायब भी हो गए।
इतना ही नहीं पीएम मोदी के नाम से बने पेज पर कॉन्टेस्ट भी खेला जा रहा है, जहां पीएम मोदी, बीजेपी और एनडीए से जुड़े सवाल पूछे जा रहे हैं। जवाब देने वालों को फ्री में प्रोडक्ट्स भी दिया जा रहा है, जिसमें टी-शर्ट, फोन कवर, पोस्टर, बैग, की-चेन शामिल है। बता दें कि इन सभी प्रोडक्ट्स में पीएम मोदी, बीजेपी और एनडीए से जुड़े मैसेज है।साथ ही नमो टीवी को भी इसबार चुनाव प्रचार के लिए लांच किया गया । ये प्रचार यही नहीं थम रहा, प्रधानमंत्री मोदी खुद भी ट्वीट करके नमो प्रोडक्ट्स का प्रचार कर रहे हैं।
इस तरह के चुनाव प्रचार को देखकर ये साफ कहा जा सकता है कि समय के साथ आज प्रचार करने का तरीका भी पूरी तरह से हाईटेक हो गया है। ऐसे सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि कांग्रेस समेत सभी पार्टियां इसी तरीके को अपना रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये आचार संंहिता का उल्लंघन नहीं है कि वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियां छोटे-मोटे प्रोडक्ट्स का सहारा ले रही है। ऐसे में इस तरह के चुनाव प्रचार पर रोक क्यों नहीं लगाया जा रहा है।
Updated on:
27 Apr 2019 10:11 am
Published on:
27 Apr 2019 07:03 am
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