साजिश का हिस्सा तो नहीं वाघा स्थित बीएसएफ के कंपनी कमांडेंट कृष्ण कुमार ने बताया कि रविवार देर रात्रि अटारी-वाघा बार्डर के पास गश्त के दौरान रविवार देर रात एक व्यक्ति पकड़ा गया। यह वाघा के रास्ते पाकिस्तान में घुसने की फिराक में था। इसी दौरान बीएसएफ के जवानों ने उसे आवाज देकर पकड़ लिया। जब उसे पूछा गया कि कौन है कहां से आया है तो पता चला कि वह बांग्लादेश का रहने वाला है। यहां क्या करने आया है उसने स्पष्ट नहीं किया इस पर बीएसएफ जवानों ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। बीएसएफ के कंपनी कमांडेंट ने बताया कि आरोपित की पहचान बांग्लादेश के जिला शरीयातपुर निवासी नैन मियां उर्फ अब्दुल्ला के रूप में हुई है। बीएसएफ के अधिकारी उससे पूछताछ में जुटे हुए हैं। बता दें कि भारत-पाकिस्तान पर इस तरह की घुसपैठ की कोशिश के मामले पहले भी पकड़े गए हैं। पर करोना महामारी के चलते जब बीएसएफ अधिकारी व जवान हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि भारत पाक सीमा में उनके अलावा कोई प्रवेश ना करे। ऐसे माहौल में एक बंगलादेशी का पकड़ा जाना किसी साजिश का हिस्सा लगता है।
कोरोना टेस्ट कराया जा रहा बताया जाता है कि पकड़े गए बांग्लादेशी से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं कि वह किस मकसद से पाकिस्तान जाने की फिराक में था। उसका सारा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वह अटारी बार्डर पर किस तरह से पहुंचा और पहुंचने से पहले किन स्थानों पर गया। कहीं वह कोरोना संक्रमित तो नहीं है जो बीएसएफ अधिकारियों व कर्मचारियों को संक्रमित करने आया है। इसके लिए उसका कोरोना टेस्ट भी करवाया जा रहा है। पूरे मामले पर अभी बीएसएफ और अधिकारियों की ओर से कुछ भी नहीं बताया जा रहा है।