
सुबह-रात में सर्दी और दिन में तल्ख धूप से मौसम का मिजाज बदला है। मौसम में के इस बदलाव के चलते लोग वायरल फीवर, खांसी-जुकाम की बीमारी की गिरफ्त में अधिक आ रहे हैं। इस स्थिति के कारण राजकीय व निजी अस्पतालों में मरीजों की आवक बढ़ गई है।
संक्रमण की शिकायत
दिन में कई बार मौसम का मिजाज बदलने से लोगों में संक्रमण की शिकायतें बढ़ रही हैं। तापमान के उतार-चढ़ाव का असर बच्चों व बुजुर्गों पर ज्यादा दिखाई दे रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि मौसम परिवर्तन के चलते खास तौर से पेशाब में जलन के मरीज भी अधिक आ रहे हैं। उल्टी व दस्त के मरीजों की संख्या काफी है। राजकीय सामान्य चिकित्सालय के डॉ. मोहम्मद अकरम ने बताया कि मौजूदा समय में सर्दी-खांसी व जुकाम के फैलने का मुख्य कारण सर्दी से बचाव में लापरवाही है।
लोग बीमार होते हुए भी सार्वजनिक स्थान पर मुंह में कपड़ा नहीं रखते, जिसके कारण सर्दी-जुकाम के कीटाणु हवा में फैलते हैं और अन्य लोगों के संपर्क में आते ही उन्हें भी बीमार बना देते हैं। ऐसे में वायरल फैल रहा है।
अचानक बढ़ गई ओपीडी
स्थानीय अस्पताल में सोमवार को ओपीडी में 12 सौ से अधिक मरीजों की आमद दर्ज की गई। अस्पताल में मौसमी बीमारी के चलते गत चार-पांच दिनों से औसतन 800 से 1 हजार तक मरीज पहुंच रहे हैं। यह संख्या पिछले दिनों के मुकाबले में अधिक है। चिकित्सक कक्ष और दवा काउंटरों पर लोगों की लम्बी कतारें सुबह से लग जाती हैं।
सीएचसी-पीएचसी के बुरे हाल
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक चिकित्सा व प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर भी मौसमी बीमारियों से परेशान मरीज आ रहे हैं। यहां चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों की कमी के चलते मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
एहतियात रखने से होगा बचाव
राजकीय सामान्य चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीबी सिंह ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए खान-पान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। दिन के समय गर्मी लगने पर पंखा या एसी नहीं चलाएं। अभी ठण्डे पेय पदार्थों का सेवन नहीं करें। मच्छरों से बचाव का विशेष ध्यान रखें।
Published on:
07 Feb 2017 05:44 pm
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